मिट्‌टी के चूल्हे पर कढ़ाही, फिर लोटे से होगी घोटाई, घंटों में बनता है ये छोटा सा पेड़ा, कीमत काजू कतली के बराबर

मिट्‌टी के चूल्हे पर कढ़ाही, फिर लोटे से होगी घोटाई, घंटों में बनता है ये छोटा सा पेड़ा, कीमत काजू कतली के बराबर


Last Updated:

Desi Peda: छतरपुर में आज भी देसी तरीके से पेड़े बनाए जाते हैं. दिखने में छोटे पर इन पेड़ों को बनाने बहुत मेहनत और समय लगता है. इनका स्वाद बेमिसाल है और कीमत चौंकाने वाली है.

Chhatarpur Khurchan Peda.  एमपी के छतरपुर जिले में मिलने वाला देसी पेड़ा कुछ अलग ही अंदाज में तैयार किया जाता है. क्योंकि, यहां के लोग आज भी पुराने तरीके से पेड़े बनाते हैं. इन पेड़ों की खासियत है कि इसे लकड़ी की आग पर धीरे-धीरे दूध को पकाकर बनाया जाता है. यही कारण है कि इसका स्वाद और खुशबू दोनों ही लोगों को दीवाना बना देती है. इस पेड़े को खाने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. पूरे जिले में ये पेड़ा खूब फेमस है.

80 वर्षीय केशकली ने बताया, इस पेड़े को तैयार करने में घंटों की मेहनत लगती है. सबसे पहले ताजे दूध को बड़े लोहे की कढ़ाही में डालकर मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी की धीमी आग पर पकाया जाता है. दूध को लगातार चलाते रहते हैं, ताकि वह जले नहीं और धीरे-धीरे गाढ़ा होता जाए. जब दूध मावा (खोवा) बन जाता है, तब उसमें थोड़ी सी चीनी और इलायची मिलाई जाती है. फिर इसे स्टील के लोटे से घेटा जाता है. मिश्रण तैयार होने पर उससे छोटे-छोटे पेड़े बनाए जाते हैं.

मिट्टी चूल्हे में होते हैं तैयार 
आगे बताया, हमारे देसी पेड़ा की खास बात ये कि इसको घंटे तक लकड़ी की धीमी आंच पर पकाया जाता है. इसे पेड़े का स्वाद काफी अच्छा है. लोग काफी पसंद करते हैं. छोटी इलायची का पाउडर डालने से पेड़े का स्वाद और अच्छा हो जाता है.

पेड़े की कीमत चौंका देगी
क्योंकि, ये पेड़ा पूरी तरह शुद्ध है. देसी तरीके से बनाया जाता है. इसमें किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं, इसलिए इसके दाम भी अधिक हैं. ये पेड़ा 1000 रुपये किलो तक बिकता है. ऑर्डर पर भी पेड़ा बनाया जाता है. लेकिन, इसको खाने के बाद आप इसका स्वाद कभी भूलेंगे नहीं. यही वजह है कि शौकीन इस पेड़े के महंगे दाम देकर खरीदते हैं.

Rishi mishra

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें

न्यूज़18 हिंदी को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homemadhya-pradesh

देसी अंदाज में बनता है ये छोटा सा पेड़ा, कीमत काजू कतली के बराबर



Source link