By 2023, there will be 15 private universities in Indore, 25 thousand students, in preparation for coming to the National Institute | 2023 तक इंदौर में होंगी 15 निजी यूनिवर्सिटी, 25 हजार छात्र, नेशनल इंस्टिट्यूट भी आने की तैयारी में

By 2023, there will be 15 private universities in Indore, 25 thousand students, in preparation for coming to the National Institute | 2023 तक इंदौर में होंगी 15 निजी यूनिवर्सिटी, 25 हजार छात्र, नेशनल इंस्टिट्यूट भी आने की तैयारी में


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इंदौर17 मिनट पहले

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इंदौर। रीगल तिराहा और एमजी रोड की तस्वीर।

  • एजुकेशन हब कहलाने वाला इंदौर अब उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दौड़ में शामिल
  • महज नौ साल पहले 2011 में इंदौर में पहली निजी यूनिवर्सिटी शुरू हुई थी

(दिनेश जोशी) एजुकेशन हब कहलाने वाला इंदौर अब सही मायनों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दौड़ में शामिल हो गया है। इसके पीछे खास और ठोस वजह भी है। देवी अहिल्या स्टेट यूनिवर्सिटी के साथ अब यहां नौ निजी यूनिवर्सिटी हो गई हैं। अगले साल दो नई निजी यूनिवर्सिटी शुरू होंगी, जबकि 2022 में तीन और 2023 में भी एक यूनिवर्सिटी आएगी। महज नौ साल पहले 2011 में इंदौर में पहली निजी यूनिवर्सिटी शुरू हुई थी। ओरिएंटल यूनिवर्सिटी की शुरुआत के समय यह अनुमान भी नहीं था कि 2020 में संख्या नौ पर पहुंच जाएगी। औसत हर वर्ष एक यूनिवर्सिटी खुली।

अब आने वाले दिनों में यह औसत दो पर आने की संभावना है। इन यूनिवर्सिटी में छात्र संख्या 25 हजार पार पहुंचने की संभावना है। 2011 के बाद इंदौर में निजी यूनिवर्सिटी की डिमांड तेजी से बढ़ी। इसके बाद ही वैष्णव विद्यापीठ, रेनेसां, सिम्बायोसिस, एपीजे अब्दुल कलाम, मेसीकेप्स, मालवांचल, सेज जैसी यूनिवर्सिटी खुलती गईं। नरसीमुंजी जैसे ऑफ कैम्पस (एक तरह की यूनिवर्सिटी ही) भी शुरू हुए।

नई यूनिवर्सिटी : गुणवत्ता सुधरी, 50 हजार तक फीस घटी, 78 नए कोर्स
मयूर नगर के रूपेश वर्मा को बीबीए फॉरेन ट्रेड में एडमिशन लेना था, लेकिन देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से संबद्धता प्राप्त अच्छे कॉलेज में 98 हजार पार्टी सेमेस्टर फीस लग रही थी। रूपेश कहते हैं थोड़ी जानकारी जुटाई और शहर में ही एक निजी यूनिवर्सिटी ने वही कोर्स मात्र 47 हजार रुपए प्रति सेमेस्टर में ऑफर कर दिया। इस तरह मेरी प्रति सेमेस्टर 52 हजार रुपए फीस कम हो गई। पुणे की मल्टीनेशनल कंपनी में एचआर हेड अनिल पालीवाल ने 2016 में एमए इंग्लिश लिटरेचर किया, लेकिन अच्छी जॉब नहीं मिली

। अनिल कहते हैं 2018 में निजी यूनिवर्सिटी से एमबीए किया और पास आउट होते ही फरवरी में कैम्पस प्लेसमेंट से हैदराबाद में आठ लाख के सालाना पैकेज पर जॉब मिल गई। दरअसल, निजी यूनिवर्सिटी के आने का सबसे ज्यादा फायदा छात्रों को मिला। नौ साल में न केवल 78 नए कोर्स निजी यूनिवर्सिटी ने ऑफर किए, बल्कि तीन यूनिवर्सिटी ने अलग-अलग कोर्स की फीस 13 हजार से 50 हजार रुपए प्रति सेमेस्टर तक कम ऑफर की।

15 हजार बाहरी छात्र बढ़े, 13% प्लेसमेंट ज्यादा होने लगा
निजी यूनिवर्सिटी में 40 फीसदी तक बाहरी छात्रों ने प्रवेश लिया। करीब 13% तक कुल एवरेज प्लेसमेंट भी बढ़ गया। जानकारी के अनुसार 2019 में डीएवीवी टीचिंग विभागों की सेंट्रल प्लेसमेंट सेल ने 1280 छात्रों को प्लेसमेंट दिया था, जबकि 10 सरकारी कॉलेजों ने 1300 छात्रों को जॉब दिलवाई। करीब 30 निजी कॉलेजों में प्लेसमेंट के जरिए अलग-अलग कोर्स में चार हजार से ज्यादा जॉब दिलवाई, जबकि बाकी कॉलेजों में करीब 1300 प्लेसमेंट हुए। इस तरह करीब आठ हजार छात्रों को जॉब मिली, लेकिन इससे अलग सात निजी यूनिवर्सिटी ने 1050 प्लेसमेंट करवाए। इस तरह निजी यूनिवर्सिटी के कारण 13% तक इजाफा हुआ। यूनिवर्सिटी की सेंट्रल प्लेसमेंट सेल के इंचार्ज अवनीश व्यास मानते हैं कि निजी यूनिवर्सिटी आने के बाद हमारी चुनौती बढ़ी है। हम ज्यादा कंपनियों से संपर्क कर हर साल प्लेसमेंट में औसत 12 से 13% का इजाफा कर रहे हैं।

पीएचडी के लिए दूसरों पर निर्भरता खत्म, 200 से ज्यादा नई सीटें मिलीं
इंदौर में सरकारी व निजी कॉलेजों और सभी यूनिवर्सिटी में मिलाकर टीचिंग स्टाफ के 5900 पद या तो खाली हैं या गेस्ट फैकल्टी के भरोसे चल रहे हैं। चूंकि टीचिंग के लिए पीएचडी अनिवार्य है, लेकिन लॉ, जर्नलिजम, इंग्लिश लिटरेचर और संस्कृत सहित 32 विषयों में पीएचडी के किसी गाइड के पास एक भी सीट खाली नहीं है। ऐसे में निजी यूनिवर्सिटी ने टीचिंग में जाने के लिए प्रयास कर रहे ऐसे लोगों को अलग-अलग विषयों में कुल 200 सीटों के साथ मौका दिया है।

‌‌पूर्व कुलपति और शिक्षाविद् बोले- यह बड़ा बदलाव है
पूर्व कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ कहते हैं कि मैं तीन साल पद पर रहा। इस दौरान निजी यूनिवर्सिटी से प्रतिस्पर्धा का पूरा ध्यान रखा, इसीलिए 2018-19 में 11 नए स्पेशलाइजेशन कोर्स ऑफर किए। दो साल पहले नैक की ग्रेडिंग की तैयारी की। टीचिंग के 171 खाली पदों पर इंटरव्यू करवाए। आज डीएवीवी के पास ए प्लस ग्रेड है, ताकि 1964 में शुरू हुई हमारी यूनिवर्सिटी हमेशा टॉप पर रहे। शिक्षाविद् डॉ. गणेश कावड़िया कहते हैं निजी यूनिवर्सिटी लगातार नए कोर्स और सुविधाएं दे रही है। इसी कारण डीएवीवी में हमने 10 सालों में न केवल नए कोर्स लांच किए, बल्कि क्वालिटी एजुकेशन के लिए भी लगातार काम किया। रिसर्च को बढ़ाया। रिसर्च पेपर बढ़ाए गए। 17 बिंदुओं पर काम किए, ताकि चुनौती से आगे बढ़ सकें।

इंदौर के तीन बड़े एजुकेशन ग्रुप यूनिवर्सिटी बने, दो तैयारी में
इंदौर के तीन बड़े एजुकेशन ग्रुप निजी यूनिवर्सिटी शुरू कर चुके हैं और सफलतापूर्वक चला भी रहे हैं, जबकि 2 ग्रुप अगले साल शुरू करने जा रहे हैं। 5 ग्रुप बाहर के हैं, जिन्होंने यहां यूनिवर्सिटी शुरू की। तीन और बाहर के ग्रुप आएंगे। शिक्षा के जानकारों का कहना है कि इंदौर बहुत तेजी से एजुकेशन हब के रूप में उभर रहा है। यहां जल्द ही बहुत सारे अन्य कॉलेज, कोचिंग संस्थान और यूनिविर्सटी आने वाले हैं।

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