India vs Australia: विराट कोहली ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 जीतने के बाद पहली बार इंटरनेशनल क्रिकेट में 19 अक्टूबर को वापसी की. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज का पहला मुकाबला कोहली के लिए भूलने वाला रहा. वह खाता नहीं खोल पाए और मिचेल स्टार्क का शिकार बन गए. कोहली पहली बार ऑस्ट्रेलिया में वनडे मैचों में शून्य पर आउट हुए हैं. इसके बाद कुछ लोगों ने आलोचना की तो कुछ ने कहा कि विराट जल्द ही फॉर्म वापस हासिल कर लेंगे. विराट अब एडिलेड में तूफान मचाने के लिए तैयार हैं. वह इस ग्राउंड पर इंटरनेशनल क्रिकेट में 5 शतक लगा चुके हैं.
कोहली-रोहित की गलती
विराट कोहली ने स्टंप से बाहर जाती गेंद पर अपना विकेट दे दिया. वहीं, पूर्व कप्तान रोहित शर्मा 8 रन बनाकर जोश हेजलवुड की उछाल लेती गेंद पर स्लिप में कैच दे बैठे. इससे टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर और 2007 टी20 वर्ल्ड कप विनर इरफान पठान को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 (BGT 2024–25) की याद आ गई. पठान ने कहा कि ये निराशाजनक प्रदर्शन बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (2024–25) के दौरान दोनों बल्लेबाजों के सामने आई समस्याओं की याद दिलाते हैं.
ये भी पढ़ें: पर्थ में फेल, अब एडिलेड में होगा धमाका… एक साथ 2 प्रचंड रिकॉर्ड तोड़ेंगे विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर भी हो जाएंगे पीछे
BGT के भूत वापस आ गए: पठान
मैच के बाद अपने यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए पठान ने सुझाव दिया कि गेम टाइम की कमी और अपर्याप्त तैयारी ने भारत के शीर्ष क्रम की विफलता में योगदान दिया हो सकता है. उन्होंने सीरीज शुरू होने से पहले ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों के अनुकूल होने के लिए अधिक समय बिताने का आग्रह किया. पठान ने कहा, ”फिटनेस एक चीज है और गेम टाइम दूसरी. इसीलिए रोहित थोड़े परेशान दिखे. ऐसा लगा जैसे विराट के लिए BGT (बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी) के भूत वापस आ गए हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि एडिलेड और सिडनी में ऐसा नहीं होगा. केएल राहुल ने आज अच्छा खेला. श्रेयस अय्यर अजीब स्थिति में दिखे. शायद वह अपनी तकनीक पर थोड़ा और काम कर सकते हैं. अक्षर जब भी बल्लेबाजी का मौका पाते हैं तो अच्छा करते हैं.”
ये भी पढ़ें: India World Cup Scenarios: 2 मैच और 3 समीकरण… वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में कैसे पहुंचेगी टीम इंडिया? जान लें गणित
दौरे से पहले ज्यादा अभ्यास की सलाह
पठान ने आगे कहा, ”जब भी आप ऐसे देशों का दौरा करते हैं, तो जल्दी जाना और कुछ मैच खेलना हमेशा बेहतर होता है. भारत के लिए यह मुश्किल होने वाला था. यह एक चुनौती होने वाली थी क्योंकि परिस्थितियां आसान नहीं होंगी. हमारे गेंदबाज सही लेंथ नहीं पकड़ पाए. बल्लेबाजों को भी उछाल से परेशानी हुई. अगर आपने एक या दो अभ्यास मैच खेले होते, तो ये गलतियां नहीं होतीं. आगे बढ़ते हुए इन चीजों के बारे में सोचना महत्वपूर्ण है.”