Chhath Puja 2025: पहली बार एक जगह पर सभी व्रती! सागर के विट्ठल घाट पर इस बार मनाया जाएगा छठ महापर्व

Chhath Puja 2025: पहली बार एक जगह पर सभी व्रती! सागर के विट्ठल घाट पर इस बार मनाया जाएगा छठ महापर्व


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Chhath Puja 2025: सागर में इस बार छठ महापर्व विट्ठल घाट पर मनाया जाएगा. लाखा बंजारा झील पर नया घाट, नवग्रह मंडप और छतरियों की सजावट व्रतधारियों के लिए आकर्षण का केंद्र है.

सागर. दिवाली के बाद आने वाला छठ पर्व शनिवार से शुरू हो गया है बिहार में यह सबसे बड़ा त्यौहार है, लेकिन देशभर में बिहार के लोग फैले हुए हैं, जिम सैकड़ो हजारों परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने अलग-अलग राज्यों में अपने घर परिवार को बसा लिया है, लेकिन यह लोग अपनी धर्म और संस्कृति को नहीं छोड़े हैं. आज भी कार्तिक छठ को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते हैं. सागर में भी बिहारी सैकड़ो परिवार है, जो यहां सालों से रह रहे हैं. ऐसे ही बिहारी परिवारों के लिए अब एक जगह पर ही डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का सौभाग्य प्राप्त होगा, क्योंकि सागर की लाखा बंजारा झील का सौंदर्य करण होने के बाद विट्ठल घाट पर इस बार छठ पर्व को मनाया जा रहा है. अभी तक शहर में अलग अलग जगह कुंड बनाए जाते थे. जिसमें अब सागर ,मकरोनिया ,रेलवे क्षेत्र कॉलोनी, सदर ,सुभाष नगर के सभी लोग एक ही जगह पर तालाब किनारे सूर्य की उपासना कर सकते हैं, तो आर्मी से जुड़े हुए 100 परिवार बेबस नदी के किनारे अपना व्रत संपन्न करेंगे.

इस बार विट्ठल घाट को राजस्थान के मकवाना के लाल पत्थर से घाट बनाया गया है, जहां पर तालाब का दीदार करने छतरियां है, तो यहां नक्षत्र वाटिका और नवग्रह मंडपम भी है, जहां लोग नवग्रह की भी पूजा करने का लाभ उठा सकते हैं, तो वहीं इसके अलावा आधे दामों में नाव से तालाब का सेर सपाटा करवाया जाएगा. भाई छठ महापर्व को लेकर घाट पर नगर निगम के द्वारा तैयारी करवाई जा रही है, ताकि व्रत करने वालों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े.

सुभाषनगर निवासी अशोक सैनी और बरियाघाट के विकास शर्मा ने बताया कि पर्व के पहले दिन शनिवार को नहाय-खाय से शुरुआत हुई है इस दौरान व्रतधारी घर की सफाई कर उसे पवित्र करेंगे. इसके बाद नाखून व बाल वगैरह काटकर नदी या तालाब में स्नान करेंगे. लौटते समय जल लेकर आएंगे, जिसका उपयोग खाना बनाने में होगा. खाने में व्रती सेंधा नमक, घी, कद्दू की सब्जी, मूंग, चना दाल, चावल का उपयोग करेंगे. व्रत में तली हुई सामग्री वर्जित रहती है. यह खाना कांसे या मिट्टी के बर्तन में पकाया जाता है. खाना पकाने के लिए आम की लकड़ी और मिट्टी के चूल्हे का इस्तेमाल किया जाता है.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें

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