How ironic of Corona, 9 days of father’s death, son considers treatment is going on | इंदौर में पॉजिटिव आए पिता की मौत 10 दिन पहले हो गई थी, पर परिवार को खबर नहीं की, बेटा समझता रहा कि इलाज चल रहा है

How ironic of Corona, 9 days of father’s death, son considers treatment is going on | इंदौर में पॉजिटिव आए पिता की मौत 10 दिन पहले हो गई थी, पर परिवार को खबर नहीं की, बेटा समझता रहा कि इलाज चल रहा है


इंदौर44 मिनट पहले

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मॉर्चरी में रखा शव। पुलिस का तर्क है कि 9 सितंबर को एंंट्री कर ली थी, लेकिन किसी ने परिजन का नाम-पता नहीं दिया।

  • 54 साल के तानाजी को 6 सितंबर की शाम एमटीएच अस्पताल में भर्ती किया था, 9 सितंबर को उनकी मौत हो गई
  • कर्मचारियों ने शव पॉलिथीन में लपेट एमवाय की मॉर्चरी में भेज दिया, उसके बाद किसी ने ध्यान ही नहीं दिया

मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महाराज यशवंत राव हॉस्पिटल (एमवायएच) में लापरवाहियां थमने का नाम नहीं ले रहीं। अब अस्पताल में 54 साल के तानाजी का शव मिला है। 10 दिन पहले कोरोना से मौत के बाद शव महाराज तुकोजी राव हॉस्पिटल (एमटीएच) से भेजा गया था, लेकिन परिजन को सूचना ही नहीं दी गई। वे समझते रहे कि तानाजी का एमटीएच में इलाज चल रहा है। शुक्रवार को मॉर्चरी में शव मिलने के बाद परिजन को खबर दी गई। वे यहां आए, कर्मचारियों पर जमकर नाराज हुए और शव ले गए।

एमवायएच की मॉर्चरी में 15 सितंबर को नरकंकाल और 17 सितंबर को ढाई महीने के बच्चे का शव मिला था। शुक्रवार को शहर में एक दिन में अब तक के सर्वाधिक 408 नए कोरोना मरीज मिले, जबकि सात की मौत हो गई।

6 सितंबर को एडमिट हुए, 9 को मौत हो गई

तानाजी को परिजन 6 सितंबर को शाम साढ़े चार बजे इलाज के लिए लाए थे। कोरोना पॉजिटिव आने पर एमटीएच में भर्ती किया गया। 9 सितंबर को उनकी मौत हो गई। कर्मचारियों ने शव पॉलिथीन में लपेट एमवाय की मॉर्चरी में भेज दिया। उसके बाद किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। मॉर्चरी में नरकंकाल मिलने के बाद एक-एक शव की जांच हो रही है, उसी दौरान इसका खुलासा हुआ। सूत्रों का कहना है कि जिस दिन शव एमवायएच आया तब पुलिस चौकी के जवानों को सिर्फ ये जानकारी दी गई कि परिजन को तलाशना है।

हेड कांस्टेबल नारायण सिंह ने बताया कि हमने 9 सितंबर को एंंट्री कर ली थी, लेकिन किसी ने परिजन का नाम-पता नहीं दिया। शुक्रवार को एमटीएच से फोन नंबर लेकर परिजन को बुलाया। बेटा और पत्नी शव लेकर चले गए। भास्कर ने परिजन से संपर्क किया, पर वे मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए।

अस्पताल के कैसे-कैसे तर्क

  • मरीज की 9 सितंबर को मौत हुई, उसके तुरंत बाद परिजन को खबर दे दी गई। वे नहीं आए तो शव एमवायएच की मॉर्चरी में रखवा दिया। परिजन ने संपर्क नहीं किया। शुक्रवार को दोबारा खबर देने पर आए।
  • अस्पताल के रजिस्टर में मरीज के नाम को लेकर कुछ गफलत हो गई। रजिस्टर में स्पेलिंग गलत थी। परिजन आए थे, लेकिन नाम की गफलत के कारण उन्हें पता नहीं चल पाया कि मरीज कहां है।
  • मरीज के परिजन खुद क्वारैंटाइन थे। इस वजह से सूचना मिलने के बाद भी नहीं आ पाए। क्वारैंटाइन अवधि खत्म हुई तो शुक्रवार शाम आकर शव ले गए।
  • आधिकारिक रूप से कोई कुछ कहने को तैयार नहीं, ऑफ द रिकॉर्ड भी जिम्मेदार अलग-अलग बात कह रहे हैं।

मॉर्चरी से खबर देने का कोई सिस्टम ही नहीं

  • 2016 से मॉर्चरी में कोई प्रभारी नहीं है। अज्ञात शव के पोस्टमॉर्टम और डिस्पोजल के लिए प्रक्रिया तय नहीं है।
  • एमवायएच और निगम के बीच सूचना भेजने का कोई सिस्टम नहीं है।
  • कोविड के कारण शवों की संख्या बढ़ रही है। कहने के बाद भी फ्रीजर नहीं खरीदे। अब 4 यूनिट फ्रीजर (16 शव के लिए) लेने की सिफारिश की है।

डीन और अधीक्षक को नोटिस, डॉक्टर की 4 वेतनवृद्धि रोकी
इधर, एमवाय की मॉर्चरी में अज्ञात शव के कंकाल बदलने के मामले में 9 लोगों की लापरवाही सामने आई है। जांच रिपोर्ट के बाद कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा ने देर रात डीन डॉ. ज्योति बिंदल और अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर को शोकॉज नोटिस जारी किया है। एमएलसी प्रभारी डॉ. दीपक फणसे की 4 वेतनवृद्धि रोकने के आदेश दिए हैं। चार ड्यूटी वार्ड बॉय को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा शव का पोस्टमॉर्टम होने के बावजूद अंतिम संस्कार नहीं कराने वाले एसआई मनीष गुर्जर और कॉन्स्टेबल दीपक धाकड़ को एसपी ने सस्पेंड कर दिया है।

बुजुर्ग का निकला शव, 30 अगस्त को आया था एमवाय
कंकाल बना शव 60 वर्षीय बजुर्ग का निकला। 23 अगस्त को संयोगितागंज थाने से तीन अज्ञात शव आए थे, जिनमें से दो का अंतिम संस्कार पोस्टमॉर्टम के बाद 5 और 7 सितंबर को कर दिया गया। एक शव रह गया। पहले आशंका थी कि यह वही शव है, जो कंकाल में बदल गया, लेकिन 30 अगस्त को भी एक अज्ञात शव की बात सामने आई। यह पता करने के लिए कमेटी ने फिर से कंकाल का पोस्टमॉर्टम कराया, इसमें स्पष्ट हुआ कि 30 अगस्त को जिस 60 वर्षीय बुजुर्ग का शव आया था, यह वही था। जांच में खुलासा हुआ कि पीएम के बाद भी वार्ड बॉय, एमवायएच ने निगम को इसके डिस्पोजल के लिए जानकारी नहीं दी।

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