जबलपुर के लिए मेगा परियोजना, नर्मदा के 6 घाटों को जोड़कर बनेगा एक घाट, 300 करोड़ होंगे खर्च, जानें सुविधाएं

जबलपुर के लिए मेगा परियोजना, नर्मदा के 6 घाटों को जोड़कर बनेगा एक घाट, 300 करोड़ होंगे खर्च, जानें सुविधाएं


Jabalpur News: जबलपुर में सरयू की तर्ज पर 300 करोड़ की लागत से गौरीघाट सहित 6 घाटों को जोड़ा जाएगा. यहां मां नर्मदा का विहंगम स्वरूप दिखाई देगा. खास बात ये कि इस घाट में सीढ़ियां बनेगी, चेंजिंग रूम बनेगा, साथ ही पुरोहितों के बैठने की व्यवस्था से लेकर मुंडन स्थल, नाव घाट भव्य पार्किंग, वाटर चैनल, आरती स्थल, खारी स्थल से लेकर तमाम सुविधाएं होंगी.

इतना ही नहीं, घाट में बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए ई-कार्ट भी चलाई जाएगी, जो सीधे घाट तक पहुंचेगी. इस मेगा परियोजना से तटों को धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन की दृष्टि से नया आयाम मिलेगा. जिसे 2 साल में तैयार करने की योजना है. आखिर किस तरीके से सवरेंगे जबलपुर के यह 6 घाट, क्या है परियोजना की डीपीआर, देखिए रिपोर्ट…

सात बार बदली डिजाइन 
दरअसल, इस परियोजना को लोक निर्माण विभाग के अधीन मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन मतलब एमपीआरडीसी के माध्यम से तैयार किया जा रहा है, जहां डीपीआर लगभग तैयार हो चुकी है. नर्मदा के इन 6 घाटों को इस तरह तैयार किया जा रहा है, जहां भविष्य में किसी तरह की परेशानी न हो, जहां सात बार डीपीआर की डिजाइन भी अब तक बदली जा चुकी है. संशोधन किया जा चुका है. नर्मदा किनारे बनने जा रहे इन घाटों में एंटी स्किड पत्थरों का उपयोग होगा, जिससे श्रद्धालुओं को फिसलन से बचाया जा सके. इन 6 घाटों को जोड़कर करीब डेढ़ किलोमीटर लंबे नर्मदा तट का कायाकल्प किया जाएगा.

इस तरह होंगे घाटों में काम, ऐसे मिलेगा दर्शन 
जबलपुर में फिलहाल पहले चरण में गौरीघाट, जिलहरी घाट, दरोगा घाट और खारीघाट के घाटों को जोड़कर नर्मदा कॉरिडोर बनाया जाएगा. इसके बाद दूसरे चरण में भटौली घाट और तिलवारा घाट को जोड़ा जाएगा. हालांकि, गौरीघाट जहां से प्रवेश किया जाता है, उसे चौड़ा कर एक जलधारा मतलब चैनल का निर्माण किया जाएगा. यहां श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे. जिलहरी घाट में नाव घाट बनाया जाएगा, जहां घाट पर आध्यात्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए मंच भी बनेगा.

आरती में बारिश नहीं बनेगी बाधा
दरोगा घाट की तरफ एक बड़ा नावघाट बनाने की तैयारी है, जहां संध्या आरती के लिए 5 मंच भी बनाए जाएंगे. इतना ही नहीं, वर्षा ऋतु में भी आरती में बाधा न आए, इसके लिए सीढ़ियों पर विशेष स्थान बनाया जाएगा. क्योंकि, अभी बारिश में आरती के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. इसके चलते भक्त आरती के दौरान भीग जाया करते हैं. इसके अलावा, खारीघाट, जहां खारी विसर्जन किया जाता है, वहां जल कुंड बनाया जाएगा. इसी तरफ सीढ़ियों के साथ ही चेंजिंग रूम, तीर्थ पुरोहितों के लिए बैठने की व्यवस्था और मुंडन स्थल भी बनाया जाएगा.

1600 वाहनों की होगी पार्किंग, दुकानें भी
घाटों के समीप पांच स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था भी की जाएगी. जहां 1600 वाहन खड़े हो सकेंगे. साथ ही घाटों पर स्थित छोटे और बड़े मंदिरों को पुन: स्थापित किया जाएगा. इसके अलावा घाटों में बनी दुकानों को अलग कर शिफ्ट किया जाएगा, साथ ही सुरक्षा की पुख्ता इंतजाम के लिए वॉच टावर भी बनाए जाएंगे. जिसे कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा.



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