The foundation of Muktidham was flooded because of not applying the head, the contractor again repeated the same mistake | सरिए नहीं लगाने से बाढ़ में बही थी मुक्तिधाम की नींव, ठेकेदार ने फिर वही गलती दोहराई

The foundation of Muktidham was flooded because of not applying the head, the contractor again repeated the same mistake | सरिए नहीं लगाने से बाढ़ में बही थी मुक्तिधाम की नींव, ठेकेदार ने फिर वही गलती दोहराई


खरगोन12 घंटे पहले

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  • ग्रामीणों ने मरम्मत के काम पर उठाए सवाल, आरईएस कार्यपालन यंत्री बोले- सुधार करवाएंगे

पिछले दिनों नर्मदा में आई बाढ़ से माकड़खेड़ा पुल के नीचे बने मुक्तिधाम की नींव बह गई थी। अब इसकी मरम्मत की जा रही है लेकिन फिर उसी गलती को दोहराया जा रहा है। यहां फिर केवल मिट्‌टी डाली जा रही है। इससे बाढ़ की स्थिति में दोबारा बहने की आशंका है। ग्रामीणों का कहना है निर्माण के समय यहां सरिए नहीं लगाए गए। अब मरम्मत में भी इसकी अनदेखी की जा रही है। संबंधित विभाग के अधिकारी माॅनीटरिंग के लिए तक नहीं पहुंचे। ठेकेदार ने ताबड़तोड़ मरम्मत का काम पूरा कर दिया। सांसद स्व. अनिल माधव दवे के प्रयासों से मुक्तिधाम के लिए 20 लाख रुपए की स्वीकृति मिली थी। करीब एक साल पहले माकड़खेड़ा व मंडलेश्वर को जोड़ने वाले नर्मदा किनारे के दक्षिण तट पर मुक्तिधाम स्थल तैयार किया गया लेकिन पहली ही बाढ़ में निर्माण कार्य की गुणवत्ता की पोल खुल गई। सरिए नहीं लगाने से शवदाहगृह के नीचे नींव में डाली पीली मिट्‌टी सहित लोहे के एंगल बह गए थे।

ग्यारंटी के 14 दिन बाकी, इसलिए लीपापोती
माकड़खेड़ा सरपंच नारायण वर्मा ने कहा आरईएस विभाग ने ठेकेदार के माध्यम से काम करवाया था। इसके बाद इसे पंचायत को हस्तांतरित कर दिया है। निर्माण कार्य की ग्यारंटी के 14 दिन ही बाकी है। इसलिए ठेकेदार यहां काम में लीपापोती कर रहा है। मिट्‌टी भरने से यह फिर बह जाएगी। इसकी जगह सरिए लगाकर पक्की नींव तैयार की जाना थी। देवराम वर्मा ने कहा निर्माण व मरम्मत की मानिटरिंग करने के लिए एक बार भी संबंधित विभाग के इंजीनियर या अधिकारी यहां नहीं पहुंचे। मजदूरों अपने स्तर पर ही काम निपटाने में लगे हुए हैं। श्रद्धांजलि भवन स्थल के भी दो पिलर के नीचे की मिट्टी बह गई है।

जनसहयोग से लगाएंगे खाली जमीन पर कुर्सियां
सरपंच ने कहा मुक्तिधाम स्थल के पास खाली पड़ी जमीन पर जनसहयोग से कुर्सियां या अन्य बैठक व्यवस्था की जाएगी। इसमें मृतक के परिजन भी सहयोग कर सकते है। इससे अंतिम संस्कार में आने वाले लोगों को सुविधा होगी।
निरीक्षण कर सुधार कराया जाएगा
^ठेकेदार को गुणवत्तापूर्ण काम करने के निर्देश दिए हैं। यदि लापरवाही बरती जा रही है तो निरीक्षण कर इसमें सुधार करवाया जाएगा।
जगदीशचंद्र पवार, कार्यपालन यंत्री आरईएस महेश्वर

जिलेभर से पहुंचते हैं लोग
नर्मदा के दक्षिण तट के गांवों से शवों को अंतिम संस्कार के लिए माकड़खेड़ा व नावड़ातौड़ी लाया जाता है। नावड़ातौड़ी में सुव्यवस्थित मुक्तिधाम स्थल नहीं होने से अधिकांश लोग माकड़खेड़ा के मर्कटी संगम पहुंचते हैं। लेकिन यहां नया शवदाहगृह बनने के बाद भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नावड़ातौड़ी में भी शवदाहगृह निर्माण प्रस्तावित है। लेकिन पहले विभाग और फिर पंचायत यहां जगह ही तय नहीं कर पाए हैं।

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