मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ। फाइल फोटो।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने महू स्थित 159 साल पुराने भवन को फिलहाल न तोड़ने का अंतरिम आदेश दिया है। यह भवन साल 1866 में बना था और लंबे समय तक आर्मी हॉस्पिटल और बाद में आर्मी पब्लिक स्कूल के रूप में उपयोग में रहा।
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मामला जनहित याचिका के रूप में दायर किया गया है। याचिकाकर्ता देव कुमार वासुदेवन और अन्य की ओर से एडवोकेट अभिनव धनोतकर ने कोर्ट को बताया कि संबंधित भवन ऐतिहासिक महत्व रखता है और इसे तोड़ने की तैयारी चल रही है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि भवन की उम्र, संरचना और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखते हुए इसे संरक्षित किया जाना चाहिए।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रोमेश दवे ने पक्ष रखा, जबकि कैंटोनमेंट बोर्ड महू की ओर से एडवोकेट वरुण पागनीस उपस्थित रहे। कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि पुरातत्व, अभिलेखागार और संग्रहालय निदेशालय को मामले की जानकारी दी जाए और अगली तारीख पर उनका पक्ष भी रखा जाए।
अगली सुनवाई अब दिसंबर के दूसरे हफ्ते में होगी। तब तक पुराने भवन पर कोई भी तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं होगी।