भोपाल में कुल 2029 बीएलओ एसआईआर के काम में लगे हैं।
मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा में 4 नवंबर से स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का काम चल रहा है। प्रदेश के कुल 5 करोड़ 74 लाख 5 हजार वोटर्स के फॉर्म डिजिटलाइज करने हैं। इस काम में 65 हजार 14 बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन काम के तनाव की वज
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पिछले 10 दिन के अंदर मध्यप्रदेश में ही ड्यूटी के दौरान 4 बीएलओ दम तोड़ चुके हैं। इसी बीच एक कर्मचारी संगठन- मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने मुख्य चुनाव आयुक्त नई दिल्ली को पत्र लिखा है। जिसमें एसआईआर सर्वे के दौरान मृत होने या घायल-तबीयत खराब होने वाले कर्मचारियों को राहत देने की मांग की गई।
ठीक उसी तरह जैसे चुनाव के दौरान मदद दी जाती है। मृत कर्मचारी के परिजन को 15 लाख रुपए और घायल या बीमार होने वाले कर्मचारी का सारा इलाज मुफ्त में कराने की मांग की गई है।
सबसे पहले जानिए 4 मामले…
मामला- 1: तीन दिन पहले नर्मदापुरम जिले के पिपरिया में एसआईआर सर्वे कर लौट रहे सहायक शिक्षक सुजान सिंह रघुवंशी की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। हादसा रेलवे ट्रैक पार करते समय हुआ, जिससे उनके दोनों पैर गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उन्हें गंभीर हालत में भोपाल के बंसल हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। वे गर्ल्स स्कूल पिपरिया में पदस्थ थे।
नर्मदापुरम जिले के पिपरिया में एसआईआर सर्वे कर लौट रहे सहायक शिक्षक सुजान सिंह रघुवंशी की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई।
मामला-2 : 20 नवंबर की रात मंडीदीप में एक बीएलओ की हार्ट अटैक से मौत हो गई। रात में बीएलओ रमाकांत पांडे ऑनलाइन मीटिंग में शामिल थे। मीटिंग खत्म होने के 10 मिनट बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और वे वॉशरूम में गिर पड़े। परिजन उन्हें भोपाल के नोबेल अस्पताल और एम्स ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। रमाकांत पांडे वार्ड 17 टीलाखेड़ी प्राथमिक स्कूल में शिक्षक थे और बीएलओ की ड्यूटी कर रहे थे।

बीएलओ रमाकांत पांडे
मामला-3 : झाबुआ जिले के रहने वाले सजन के पिता भुवान सिंह चौहान की हार्ट अटैक से मौत हो गई। पेशे से शिक्षक भुवान सिंह SIR में बीएलओ का काम देख रहे थे। 18 नवंबर को जिला निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें काम में लापरवाही बरतने पर सस्पेंड कर दिया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, भुवान सिंह की मौत कार्डियक अरेस्ट (हार्ट अटैक) से हुई है। परिवार का आरोप है कि सस्पेंशन के तनाव की वजह से उनकी जान गई है।
मामला-4 : दमोह में बीएलओ सीताराम गोंड की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से जबलपुर रेफर किया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
भोपाल में तबीयत बिगड़ी भोपाल के दक्षिण-पश्चिम विधानसभा के मतदान केंद्र नंबर-45 पर तैनात बीएलओ कीर्ति कौशल को हार्ट अटैक आ गया। जिससे उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। टीटी नगर एसडीएम अर्चना शर्मा खुद अस्पताल पहुंची और बीएलओ की सेहत के बारे में जानकारी ली। बीएलओ की तबीयत अब ठीक बताई जा रही है।
इनके अलावा मोहम्मद लईक को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आया। इन्हें भी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनके अलावा भी कई बीएलओ की तबीयत बिगड़ गई।

भोपाल में महिला बीएलओ कीर्ति कौशल को हार्ट अटैक आ गया। टीटी नगर एसडीएम अर्चना शर्मा ने सेहत की जानकारी ली।
रीवा में बीएलओ को ब्रेन हेमरेज, अस्पताल में भर्ती सोमवार को ही रीवा जिले में एसआईआर प्रक्रिया के दौरान बीएलओ विजय पांडेय को ब्रेन हेमरेज हो गया। उन्हें फौरन रीवा ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुष्पराज नगर में पदस्थ सहायक शिक्षक पांडेय की हालत फिलहाल स्थिर है।
परिजन का आरोप है कि वे कई दिनों से एसआईआर सर्वे में लगे हुए थे। इसी दौरान उन्हें हल्का बुखार भी था। तबीयत बिगड़ने के बाद भी नोडल अधिकारी लगातार सर्वे पूरा करने का दबाव बनाते रहे। परिजन का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी न केवल बीमारी को अनदेखा कर रहे थे, बल्कि समय-सीमा के नाम पर मानसिक दबाव भी डाल रहे थे।

रीवा जिले में एसआईआर प्रक्रिया के दौरान बीएलओ विजय पांडेय को ब्रेन हेमरेज हो गया। उन्हें फौरन रीवा ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बीएलओ तनाव में, कोई हादसे का शिकार हो रहा तो किसी को हार्ट अटैक आ रहा मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने बताया, एसआईआर में अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। यह 1-2 दिन नहीं, पूरे एक महीने की है। टारगेट पूरा करने के चक्कर में कई बीएलओ तनाव में है। इस वजह से कोई हादसे का शिकार हुआ तो किसी को हार्ट अटैक आ गया।

चुनाव आयोग 15 लाख रुपए दें निर्वाचन आयुक्त को लिखे पत्र में कहा गया कि निर्वाचन संबंधी इस महत्वपूर्ण कार्य के दौरान मध्यप्रदेश के कुछ कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है और कुछ गंभीर बीमार हैं। यह चुनाव से जुड़ा काम ही है। इसलिए 10 अप्रैल 2019 के आदेश के तहत मृत होने पर परिजन को 15 लाख रुपए एवं घायल-बीमार होने पर कर्मचारी की इलाज की व्यवस्था की जाए। अब तक जिनका निधन हुआ, उन्हें जल्द ही 15 लाख रुपए दिए जाए।

इसलिए सदमे में बीएलओ दरअसल, एक महीने के अंदर एसआईआर की पूरी प्रक्रिया होनी है। 4 नवंबर से इसकी शुरुआत हो चुकी है। कई जिलों में एसआईआर का काम काफी पिछड़ा है। यदि भोपाल की बात करें तो अब तक 37 प्रतिशत फॉर्म का ही डिजिटाइजेशन हुआ है। यानी, जो फॉर्म वोटर्स को घर-घर जाकर दिए गए थे, उन्हें कलेक्ट कर 7.40 लाख फॉर्म ही ऑनलाइन हुए हैं।
बाकी 63 प्रतिशत काम अगले 10 दिन में निपटाना है। ऐसे में बीएलओ की चिंता और घबराहट दोनों ही बढ़ हुई है, क्योंकि काम समय पर पूरा नहीं हुआ तो निलंबित होने का डर है। इसलिए बीएलओ सदमे में है। सर्वर डाउन होने की वजह से उनकी चिंता और भी बढ़ गई है। जिससे वे बीमार भी हो रहे हैं।

भोपाल में बीमार होने पर डॉक्टरों की व्यवस्था भी इधर, भोपाल में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सीएमएचओ को वार्ड के हिसाब से डॉक्टरों को तैनात करने के निर्देश दिए थे। इस पर इमरजेंसी की स्थिति बनने पर डॉक्टरों की तैनाती की गई है।
इनमें कोलार सर्कल में डॉ. दीप्ति मनोहर हड़े, बैरागढ़ सर्कल में डॉ. डीपी जाटव और डॉ. प्रतिभा मानसुईया, सिटी सर्कल में डॉ. गौरव गुप्ता और डॉ. अभिषेक सेन, एमपी नगर सर्कल में डॉ. अश्विन बांबल, टीटी नगर सर्कल में डॉ. अनिमेश सिंह, गोविंदपुरा सर्कल में डॉ. शुभम गुप्ता और डॉ. रोहित श्रीवास्तव शामिल हैं।

चुनाव के दौरान कर्मचारी के मृत या घायल-तबीयत खराब होने पर राशि दिए जाने संबंधित आदेश।