जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में जापानी तकनीक पर आधारित एंडोब्रोंकियल अल्ट्रासाउंड (ईबस) मशीन से फेफड़ों के संक्रमण और कैंसर की शुरुआती पहचान की जा रही है। मध्य प्रदेश सरकार के अधीन आने वाले मेडिकल कॉलेजों में यह मशीन केवल जबलपुर मेडि
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मेडिकल कॉलेज के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र आर्य ने बताया कि ईबस मशीन का पूरा सेटअप लगभग 2.5 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित किया गया है। इस तकनीक में एक पतली नीडल का उपयोग कर फेफड़ों के अंदर से नमूने लिए जाते हैं, जिनकी जांच कर संक्रमण और कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता लगाया जाता है।
जापानी तकनीक पर आधारित मशीन।
डॉ. आर्य के अनुसार, अब तक लगभग 90-100 मरीजों की इस तकनीक से जांच की जा चुकी है, जिनमें से अधिकांश का सफल उपचार संभव हो पाया है। मेडिकल कॉलेज में यह ईबस जांच आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए पूरी तरह निशुल्क है, जबकि निजी अस्पतालों में इसकी लागत 40 हजार से 50 हजार रुपए तक आती है।
इस उन्नत तकनीक के कारण अब केवल प्रदेश से ही नहीं, बल्कि अन्य बड़े शहरों से भी मरीज जबलपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आ रहे हैं। फेफड़ों से संबंधित गंभीर बीमारियों के उपचार में यह तकनीक एक महत्वपूर्ण और प्रभावी पहल साबित हो रही है।