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Nagphani Health Benefits: विंध्य क्षेत्र का पारंपरिक घरेलू नुस्खा नागफनी से कमर दर्द, जोड़ दर्द और सूजन में मिलता है तुरंत आराम. जानें डॉक्टर परौहा द्वारा बताए फायदे और तरीका.
नागफनी के फायदे: मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में कई प्रकार के घरेलू नुस्खे आजमाए जाते हैं, जो ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की जिंदगी को आसान और सुरक्षित बनाने में मददगार होते हैं. ऐसा ही एक घरेलू नुस्खा नागफनी के पौधे से जुड़ा है, जिसका पौधा होता तो बेहद कांटेदार है, लेकिन बहुत फायदेमंद चीज है. यह पौधा अधिकतर बंजर जमीन पर उगता है. ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग पारंपरिक तरीके से नागफनी का उपयोग करते आ रहे हैं.
स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. आर.पी. परौहा ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि नागफनी में प्राकृतिक रूप से दर्दनाशक तत्व मौजूद होते हैं. जो शरीर में होने वाले वातजनित दर्द मांसपेशियों की जकड़न और जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं. डॉक्टर ने बताया कि पुराने समय में जब दवाइयों का इतना चलन नहीं था. तब लोग नागफनी को ही घरेलू उपचार के रूप में अपनाते थे और इसका असर इतना अच्छा होता था कि आज भी ग्रामीण समुदाय इसे भरोसे के साथ उपयोग करते हैं. नागफनी का उपयोग करने का तरीका भी बेहद आसान है. बस थोड़ी सावधानी जरूरी होती है. सबसे पहले पौधे से नागफनी को सावधानीपूर्वक तोड़ा जाता है. ताकि कांटे हाथ में न चुभें इसके बाद इसके सभी कांटों को चाकू की मदद से अच्छी तरह निकाल दिया जाता है.
जब नागफनी साफ हो जाए तो इसे गर्म तवे पर हल्का सा तेल लगाकर गर्म किया जाता है. गर्म करने से इसके भीतर मौजूद औषधीय रस सक्रिय हो जाते हैं और त्वचा पर लगाने पर दर्द को तेजी से शांत करने में मदद मिलती है. डॉ परोहा बताते हैं कि गर्म की हुई नागफनी को कमर दर्द, घुटनों के दर्द, पीठ दर्द, कंधे के दर्द या किसी अन्य जगह जहां दर्द हो रहा हो वहां बांधकर लगाना चाहिए यह कुछ ही देर में दर्द को खींच लेती है.
सूजन भी कम करती है, ग्रामीण इसे अक्सर रात में लगाकर सोते हैं. जिससे सुबह तक काफी राहत मिल जाती है. आदिवासी क्षेत्र के कई गांवों में बुजुर्ग आज भी इस देसी दर्द निवारण विधि पर विश्वास करते हैं. डॉक्टर परौहा का कहना है कि नागफनी का यह पारंपरिक नुस्खा ना केवल किफायती है बल्कि पूरी तरह प्राकृतिक होने के कारण इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है.
डॉक्टर परौहा बताते हैं कि नागफनी में एंटीसेप्टिक के साथ-साथ एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं. नागफनी के पत्तों को अच्छी तरह पीसकर जोड़ों पर लगाने से जोड़ों में हुई सूजन ठीक होता है. साथ ही जोड़ो में होने वाली जलन और दर्द से भी राहत मिलता है. नागफनी के कांटे और पत्तों को अच्छी तरह कूट कर चूर्ण बनाने के बाद फुंसी फोड़े बालतोड़ में लगाने से एक से दो दिन में पक जाएगा इसके बाद उसकी सफाई की जा सकती है. जिन लोगों को बादी पाइल्स है बिल्डिंग पाइल्स में काम नहीं करता, बिल्डिंग पाइल्स में नागफनी का उपयोग करना भी नहीं चाहिए, जिनको बादी पाइल्स है जिसमें घेटिया बस है. मल के रास्ते में हल्का-हल्का करके उसको रखना चाहिए 10 मिनट 15 मिनट तक उसको दिन में दो-तीन बार तक लगाने से उसकी जो गांठ है वह फूट जाती है उसमें भी गांठ इस तरह की होती है जैसे नागफनी का पौधा होता है इस तरह की गांठ होती है.
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Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.