अगर गेहूं-चना बोने में हो गई देरी, तो इस फसल की करें बुवाई, दोगुनी होगी कमाई

अगर गेहूं-चना बोने में हो गई देरी, तो इस फसल की करें बुवाई, दोगुनी होगी कमाई


Last Updated:

Agriculture News: जौ की खेती की लागत गेहूं से लगभग 30 प्रतिशत कम आती है. बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है क्योंकि जौ का इस्तेमाल बीयर उद्योग, दलिया बनाने और पशु आहार में होता है. एक बीघा में 8-10 कुंतल तक उत्पादन मिल जाता है.

सीधी. मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में रबी सीजन में चना, मसूर और गेहूं की अधिक मात्रा में खेती की जाती है. अधिकांश किसानों ने अपनी फसलों की बुवाई कर चुके हैं लेकिन जो किसान अभी खेत तैयार नहीं कर पाए या बुवाई में देरी हो गई है, उनके लिए अब भी अच्छी खबर है. किसान जौ की खेती अपनाकर भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी संजय सिंह के अनुसार, जौ की बुवाई का सबसे उपयुक्त समय दिसंबर के पहले पखवाड़े से लेकर जनवरी के मध्य तक माना जाता है. इस समय की गई बुवाई में दाना मोटा आता है और उत्पादन भी बेहतर मिलता है. खास बात यह है कि जौ कम लागत और कम पानी में भी गेहूं जैसा लाभ दे सकता है.

किसान अशोक पटेल ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि जौ की बुवाई करने से पहले खेत की अच्छी जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बनाना जरूरी है. इसके बाद पाटा लगाकर नमी संरक्षित की जाती है. जौ की उन्नत किस्मों में आरडी-2715, आरडी-2794, आरडी-2786, आरडी-2907 और आरडी-2660 को सबसे बेहतर माना जाता है. बीज उपचार के लिए फिप्रोनिल 5 एससी 6 मि.ली. प्रति किलो बीज और ढीले स्मट रोग से बचाव के लिए मैनकोजेब ढाई ग्राम या थीरम तीन ग्राम प्रति किलो बीज आवश्यक बताया गया है. खाद प्रबंधन में प्रति बीघा 20-25 किलो नाइट्रोजन और 15 किलो फास्फोरस लाभदायक रहती है. पहली सिंचाई बुवाई के 25 दिन बाद और दूसरी बालियां निकलने के समय करने की सलाह दी गई है.

गेहूं से करीब 30 फीसदी कम लागत
अशोक पटेल के मुताबिक, जौ की खेती की लागत गेहूं से करीब 30 फीसदी कम आती है. बाजार में इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है क्योंकि इसका उपयोग बीयर उद्योग, दलिया और पशु आहार में होता है. एक बीघा में 8-10 क्विंटल तक उत्पादन मिल जाता है.

मुनाफे का विकल्प जौ की खेती
सीधी कृषि विभाग ने सलाह दी है कि फसल की सफलता के लिए प्रमाणित बीज, समय पर सिंचाई और कीट प्रबंधन जरूरी है. जो किसान अब तक बुवाई नहीं कर पाए हैं, उनके लिए जौ की खेती एक मुनाफे वाला विकल्प साबित हो सकती है.

About the Author

Rahul Singh

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

homeagriculture

अगर गेहूं-चना बोने में हो गई देरी, तो इस फसल की करें बुवाई, दोगुनी होगी कमाई



Source link