भोपाल, रायसेन,विदिशा, मुरैना, अलीराजपुर और झाबुआ में गड़बड़ी सामने आई है
कैग (CAG) के अनुसार मई 2014 से दिसंबर 2016 के बीच जब एमपी (MP) में शिवराज सरकार थी भोपाल, रायसेन के परियोजना अधिकारियों ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की करीब 3.19 करोड़ रु. की मानदेय राशि डाटा एंट्री, कंप्यूटर ऑपरेटरों सहित दूसरे 89 बैंक अकाउंट में जमा करा दी.
बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि बीजेपी के कार्यकाल में कई घोटाले हुए हैं. अब कैग ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के साथ हुए घोटाले को उजागर किया है. सरकार में फर्जीवाड़ा होता रहा, इसकी जांच होनी चाहिए. दोषी विभाग के मंत्री और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कांग्रेस कर रही है. मंत्री विश्वास सारंग ने कहा यदि ऐसा कोई मामला आया है तो उसकी जांच की जाएगी. जांच के बाद दोषियों खिलाफ कार्रवाई होगी.
ये है पूरा मामला…
-कैग के अनुसार मई 2014 से दिसंबर 2016 के बीच जब एमपी में शिवराज सरकार थी भोपाल, रायसेन के परियोजना अधिकारियों ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की करीब 3.19 करोड़ रु. की मानदेय राशि डाटा एंट्री, कंप्यूटर ऑपरेटरों सहित दूसरे 89 बैंक अकाउंट में जमा करा दी.
-विदिशा, मुरैना, अलीराजपुर और झाबुआ में भी गड़बड़ी सामने आई है. यहां जिला कार्यक्रम और परियोजना अधिकारियों के दस्तावेजों की जांच में पता चला कि मानदेय का 65 लाख 72 हजार रुपए गलत तरीके से निकाला गया. बाद में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका का जो पैसा जिन खातों में जमा कराया गया वो फर्मों और कर्मचारियों के परिवारजनों के नाम पर थे.