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Jabalpurs famous hanuman temple: जबलपुर के तिलहरी, चैतन्य सिटी में 108 फीट ऊंचे हनुमान, देव तालाब, रानीताल, जीसीएफ स्टेट, पाट बाबा और गौरीघाट के हनुमान मंदिर श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र हैं.
मध्यप्रदेश के जबलपुर में हनुमान मंदिर जो काफी फेमस है. जबलपुर के तिलहरी, चैतन्य सिटी में मौजूद 108 फीट ऊंचे हनुमान, जो काफी आकर्षक का केंद्र है. बैठी हुई मुद्रा में विराजे हनुमान अपनी और सभी का ध्यान आकर्षित कर लेते हैं. जहां दर्शन करने से ही मनोकामना पूरी हो जाती है. आइए दर्शन कीजिए जबलपुर के हनुमान मंदिरों के…

चैतन्य सिटी में विराजमान हनुमान जी की प्रतिमा 108 फीट ऊंची है. जिसे बनाने में 4 साल लगे थे, यह मूर्ति बेंगलुरु के 80 कलाकारों ने मिलकर बनाया था. दूसरी तरफ देव तालाब स्थित हनुमान जो पहाड़ पर खड़े हुए हैं जहां हनुमान जी अपनी छाती चीरकर भगवान राम और लक्ष्मण के दर्शन कराते हुए नजर आते हैं.

रानीताल, गेट नंबर 2 के नजदीक हनुमान मंदिर जो काफी फेमस है. जहां राम भक्त हनुमान द्रोणागिरी पर्वत उठाए हुए हैं. यह दृश्य तब का है, जब वैद्य सुषेण ने लक्ष्मण को बचाने के लिए संजीवनी बूटी बताई थी. तब हिमालय जाकर हनुमान जी ने पूरा द्रोणागिरी पर्वत उठाकर ले आए थे. जबलपुर के इस मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगता है.
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जीसीएफ स्टेट, सतपुला के नजदीक श्री राम मंदिर में हनुमान जी की 51 फीट की प्रतिमा मौजूद है. जहां हनुमान जी खड़े हुए अवस्था में हैं. इस राम मंदिर के बाहर हनुमान जी पहरा देते हैं. हनुमान जी की यह विशालकाय प्रतिमा को देखने दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं. ऐसी मान्यता है हनुमान जी के दर्शन मात्र करने से ही मनोकामनाएं पूरी हो होती है.

जबलपुर की जीसीएफ फैक्ट्री में बना पाट बाबा स्थित हनुमान मंदिर काफी फेमस है. जहां हनुमान जी ब्रिटिश अधिकारी के सपने में आए थे. 19वीं शताब्दी में जब ब्रिटिश बम और बारूद की जीसीएफ फैक्ट्री का निर्माण कर रहे थे, तब दीवारें बार-बार गिर जा रही थी. जहां हनुमान जी ब्रिटिश अफसर के सपने में आए थे, जहां जमीन के नीचे हनुमान जी मूर्ति दबी हुई थी. जिसके बाद हनुमान जी की मूर्ति मंदिर में स्थापित की गई.

इसी तरह रानीताल स्थित हनुमान मंदिर, नौदरा ब्रिज स्थित हनुमान मंदिर और गौरीघाट स्थित हनुमान लला के मंदिर जबलपुर के काफी फेमस और पुराने दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर हैं. जहां मंगलवार और शनिवार के दिन श्रद्धालुओं का तांता लगता है और हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है.