Kapil Dev Gautam Gambhir: भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव ने बुधवार को साउथ अफ्रीका से घर में 0-2 से टेस्ट सीरीज हारने के बाद अलग-अलग फॉर्मेट में अलग-अलग कोच के विचार का समर्थन करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को वह कोचिंग स्ट्रक्चर अपनाना चाहिए जो भारतीय क्रिकेट के लिए सबसे अच्छा हो. कपिल देव के इस बयान से टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर को राहत मिल सकती है.
‘क्रिकेट के लिए जो भी अच्छा’
यह पूछे जाने पर कि क्या रेड-बॉल और व्हाइट-बॉल फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कोच भारत की घर में टेस्ट में हाल की हार को खत्म करने का एक तरीका हो सकता है तो कपिल ने कहा, ”मुझे नहीं पता… मैं इसका जवाब नहीं दे सकता. आपको सच में अपने दिमाग में कुछ ऐसा सोचना होगा और कहना होगा कि क्या होना चाहिए. क्रिकेट के लिए जो भी अच्छा है, मुझे लगता है कि उन्हें वह करना चाहिए.”
खेलों पर सोशल मीडिया का प्रभाव
1983 वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान कपिल ने इस बात को खारिज कर दिया कि सोशल-मीडिया के जमाने में एथलीट होना उनके खेलने के दिनों की तुलना में ज्यादा मुश्किल है. उन्होंने कहा, “नहीं, यह हमेशा एक जैसा ही होता है. तब भी मुश्किल था, अब भी मुश्किल है. तब भी आसान था और अब भी आसान है. आपका माइंडसेट ज्यादा जरूरी है.”
टी20 को ज्यादा वैल्यू पर कपिल देव की राय
क्या T20 लीग के बढ़ने से देश के लिए खेलने का जज्बा धीरे-धीरे कम हो रहा है? इस सवाल पर कपिल देव ने कहा, ”हर खिलाड़ी अपनी प्रायोरिटी अलग-अलग तरह से तय करता है. हर किसी को पैसा पसंद होता है, लेकिन कुछ खिलाड़ियों को लगता है कि यह बहुत जरूरी है. मुझे अब भी लगता है कि इंडिया के लिए खेलना IPL खेलने से ज्यादा जरूरी है. लेकिन हर कोई अलग होता है. उनका अपना सोचने का तरीका होता है. उन्हें गुड लक.”
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क्रिकेट के बाद गोल्फ को बढ़ाने में जुटे कपिल देव
कपिल देव प्रोफेशनल गोल्फ टूर ऑफ इंडिया (PGTI) के अध्यक्ष हैं. उन्होंने ’72 द लीग’ के लॉन्च पर क्रिकेट के बारे में भी पूछे गए सवालों के जवाब दिया. इसके अलावा उन्होंने गोल्फ के भविष्य को लेकर भी अपनी बात रखी. पूर्व कप्तान ने कहा कि भारत को ऐसे गोल्फर्स की जरूरत है जो बड़े ग्लोबल टाइटल जीत सकें ताकि देश भर में इस खेल को कैसे देखा जाता है, इसमें बड़े पैमाने पर बदलाव आ सके. उन्होंने कहा, “हमें वर्ल्ड चैंपियन बनाने होंगे. एक बार जब वे जाकर यूरोपियन कप या US कप जीतेंगे, या ओलंपिक्स में जीतेंगे, तो यह पूरी सिचुएशन बदल देगा.”
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ओलंपिक में हम बस एक मेडल चूक गए: कपिल देव
गोल्फ का “1983 मोमेंट” क्या हो सकता है, इस पर कपिल ने कहा, ”ये लड़के जाकर यूरोपियन कप या US ओपन जीतते हैं, कुछ ऐसा… यह सोने पे सुहागा होगा. ओलंपिक में हम बस एक मेडल चूक गए. जब हमारे देश में कुछ ही लोग खेल रहे हैं और फिर भी हम वहां पहुंच गए, तो इससे उम्मीद जगती है. एक दिन हमारे बच्चे जाकर ओलंपिक्स या US कप जीतेंगे. टेनिस में अगर आप विंबलडन जीतते हैं, तो इससे फर्क पड़ता है; गोल्फ में भी ऐसा ही है.”