सागर: बुंदेलखंड जैव विविधताओं से भरा हुआ है. इसी बुंदेलखंड के सागर में मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व (नौरादेही) है. जो अभी तक भारतीय भेड़िया, तेंदुआ और बाघों जैसे वन्य जीवों के लिए पहचाना जाता है. लेकिन अब जल्द ही यह चीतों के नए रहवास के रूप जाना जाएगा, क्योंकि यहां पर चीता लाने के लिए काम तेज गति से शुरू हो गया है. साल 2026 के मध्य तक यहां चीतों की दीदार होने लगेंगे.
चीता लाने से पहले टाइगर रिजर्व में अलग-अलग तरह की तैयारी भी की जानी है. इसके लिए टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के द्वारा 5 करोड़ रुपए भी दिए गए हैं इन पैसों से चार सॉफ्ट रिलीज बोमा बनाए जाएंगे साथ ही जल स्रोत के लिए तालाब भी खुदबाएं जाएंगे.
वैज्ञानिकों ने किया निरीक्षण
जहां चीता लाकर छोड़ जाएंगे इनकी मॉनिटरिंग की जाएगी कि यहां पर उनका बिहेवियर कैसा है, अपने भोजन के लिए किस तरह की शिकार करते हैं रोजाना की एक्टिविटी क्या होगी और जब सब कुछ अनुकूल हो जाएगा तो इन्हें इसे रिलीज कर खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा ताकि यह अच्छे से सरवाइव कर सके. इसके साथ ही यहां पर सुरक्षा की दृष्टि से हाथियों से निगरानी होगी, 300 से अधिक वन कर्मी इनकी हर एक एक्टिविटी पर नजर रखेंगे.
चीता का बनेगा तीसरा घर
टाइगर रिजर्व के अंदर तीन ऐसे एरिया चिन्हित किए गए हैं. जो बिल्कुल जंगल के बीचों बीच है. जहां शिकारियों की दृष्टि से भी यह बचे रहेंगे, क्योंकि वन विभाग को शिकारियो से बचाने की ही सबसे बड़ी चुनौती होती है. वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व की डिप्टी डायरेक्टर डॉ ए ए अंसारी बताते हैं कि इस अभ्यारण को चीतों का तीसरे घर के रूप में चिन्हित किया गया है. इस रूप में विकसित करने या उनके लिए किस तरह से सुरक्षित माहौल मिले उसको कैसे तैयार किया जाए इसके लिए फाइनल डीपीआर बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों के लिए भेज दी है उनसे अनुमति मिलने के बाद ही ग्राउंड स्तर पर काम शुरू कर दिया जाएगा.
बनेगा पर्यटन का केंद्र