खांडवाः बवासीर और फिशर यह दो ऐसी समस्याएं हैं, जिनसे देश में बड़ी संख्या में लोग जूझते हैं. 30 से 40 प्रतिशत लोगों को किसी न किसी उम्र में ये परेशानी हो ही जाती है. दर्द, जलन, खुजली और रोजमर्रा की तकलीफें इंसान को इतना परेशान कर देती हैं कि कई लोग बिना सोचे-समझे सीधा ऑपरेशन करवाने की बात सोच लेते हैं. लेकिन सच यह है कि हर केस में ऑपरेशन जरूरी नहीं होता. आयुर्वेद में ऐसे कई घरेलू उपाय बताए गए हैं जिन्हें सही तरीके से अपनाया जाए तो घर बैठे ही काफी आराम मिल सकता है.
आज हम बात करेंगे कुछ ऐसे ही पारंपरिक नुस्खों की, जिनके बारे में डॉक्टर अनिल पटेल बताते हैं कि ग्रामीण इलाकों में इन्हें लोग वर्षों से अपनाते आए हैं और कई मरीजों को इससे राहत भी मिली है. हालांकि डॉक्टर की राय में किसी भी बीमारी में बिना सलाह के कोई बड़ा कदम नहीं उठाना चाहिए, लेकिन ये साधारण घरेलू उपाय शुरुआती और मध्यम स्तर की समस्या में काफी सहायक हो सकते हैं.
यह पौधा बवासीर के लिए बेहतरीन औषधि
Local 18 से बातचीत में डॉक्टर अनिल पटेल ने कहा की यह पौधा नागदोन. जोकि यह पौधा भारत के अधिकतर हिस्सों में आसानी से मिल जाता है. सड़क किनारे, खेतों में, और थोड़ी सी नमी वाली जगहों पर यह पौधा अक्सर दिख जाता है. इसके पत्ते तोड़ने पर इनमें से हल्का सफेद दूध जैसा रस निकलता है, जिसे लोकल लैंग्वेज में बहुत से लोग “दूधिया रस” भी कहते हैं.
डॉक्टर के अनुसार, जिन लोगों को बवासीर या पाइल्स की समस्या रहती है, वे सुबह और शाम तीन-तीन नागदोन के पत्ते चबाकर खाएं. उन्हें कड़वा या कसैला स्वाद जरूर लगेगा, लेकिन कुछ दिनों के बाद सूजन, जलन और दर्द में राहत मिलने लगती है. कई ग्रामीण परिवार आज भी इस नुस्खे को पीढ़ियों से अपनाते आ रहे हैं. डॉक्टर कहते हैं कि पत्तों का सेवन करने से मल त्याग आसान होता है और मस्सों में सूजन कम होती है.
डॉक्टर्स के परामर्श पर करें इस्तेमाल
इसके बाद डॉक्टर एक और पुराने घरेलू नुस्खे का जिक्र करते हैं ठंडा दूध और नींबू. यह तरीका आज से नहीं, बल्कि दादियों-नानियों के जमाने से इस्तेमाल हो रहा है. डॉक्टर बताते हैं कि एक कप ठंडे दूध में कुछ बूंदें नींबू की मिलाकर पीने से पाइल्स की जलन और जलन से होने वाली बेचैनी में राहत मिलती है. ठंडा दूध आंतों को ठंडक देता है और नींबू पाचन को संतुलित करता है, जिससे सूजन कम होती है.
बहुत से लोग इसे सुनकर सोचते हैं कि दूध और नींबू साथ में लेने से दूध फट जाता है, लेकिन डॉक्टर बताते हैं कि यही तो इसका फायदेमंद हिस्सा है. हल्का-सा फटा दूध शरीर में एक तरह से लेप की तरह काम करता है और आंतों को शांत करता है. बस इसे ज्यादा मात्रा में या बार-बार न लें, दिन में एक बार काफी होता है.
लोकल 18 से बातचीत में डॉक्टर अनिल पटेल कहते हैं कि बवासीर और फिशर सिर्फ दवाओं से ही ठीक नहीं होते, बल्कि आपकी रोजमर्रा की आदतें भी बहुत मायने रखती हैं। अगर आपकी लाइफस्टाइल ठीक नहीं है, पानी कम पीते हैं, कब्ज की समस्या रहती है, या बहुत ज्यादा मिर्च-मसाले खाते हैं, तो किसी भी नुस्खे का असर अधूरा ही रहेगा.