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- Slow Speed Of Metro, Not Even A Pillar After One Year; Consultant Taking 24 Lakh Months Salary
इंदौर18 घंटे पहले
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एमआर-10 टोल ब्रिज पर मुआयने के दौरान बहस करते अफसर।
- भास्कर की खबर के बाद इंदौर पहुंचे मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के टेक्निकल डायरेक्टर
- महा उपेक्षा इंदौर नगर की, अनमने से हो रहे काम
(दीपेश शर्मा) काम की धीमी रफ्तार पर नागपुर मेट्रो ने विदेशी कंसल्टेंट को दो महीने में ही टर्मिनेट कर दिया था, लेकिन इंदौर मेट्रो का काम नहीं होने के बाद भी सरकार कंसल्टेंट को 24 लाख रुपए महीना पगार दे रही है। पूरी कंपनी को कंसल्टेंसी के लिए 600 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
इधर, प्रोजेक्ट को लेकर जनरल कंसल्टेंट और दिलीप बिल्डकॉन के बीच चल रहे विवाद का भास्कर के खुलासा करने के बाद शुक्रवार को मप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के टेक्निकल डाॅयरेक्टर जितेंद्र दुबे इंदौर पहुंचे। उनके सामने ही कॉन्ट्रैक्टर कंपनी दिलीप बिल्डकॉन और जनरल कंसल्टेंट के प्रतिनिधि आमने-सामने हो गए। दिलीप बिल्डकॉन ने देरी के लिए कंसल्टेंट को जिम्मेदार ठहराया। यह तब हुआ, जब दुबे एमआर-10 टोल ब्रिज के नीचे मेट्रो प्रोजेक्ट का मुआयना कर रहे थे। यहां आईएसबीटी की एक रोड ब्रिज के नीचे से निकल रही है, वहीं मेट्रो का पिलर नंबर 10 आ रहा है।
निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने कहा कि पिलर के हिसाब से रोड का अलॉइनमेंट करें, ताकि पिलर सड़क के बजाय डिवाइडर के बीच में आ जाए। दुबे ने दिलीप बिल्डकॉन के प्रतिनिधियों से कहा कि आप समझ लें और आईडीए के अफसरों के साथ डिजाइन फाइनल कर लें। इस पर प्रतिनिधियों ने कहा कि हमारा आईडीए से कोई विवाद है ही नहीं, जनरल कंसल्टेंट डिजाइन फाइनल नहीं कर रहा है। इस पर दुबे बोले- यह बात यहां करने की नहीं है, हम मीटिंग में बैठेंगे ही।
इंदौर-भोपाल में मेट्रो शुरू से विदेशी कंसल्टेंट के भरोसे ही
इंदौर के साथ भोपाल मेट्रो में भी विदेशी कंसल्टेंट हैं। इंदौर मेट्रो के शुरुआती दौर में इटली के कंसल्टेंट गेबरियेले थे। उनके बाद जॉन आए। इसके बाद एक और जाॅन रहे और अब साइमन शॉरी कंसल्टेंसी दे रहे हैं। वे लॉकडाउन के पहले से साउथ अफ्रीका में हैं और वहीं से ऑनलाइन मीटिंग कर रहे हैं। नागपुर मेट्रो के एमडी कहते हैं कंसल्टेंट के भरोसे काम छोड़ने से कुछ नहीं होगा। कंसल्टेंट तो चाहते ही हैं कि काम लंबा खिंचे और उनका कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू होता रहे।
यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें फॉलो न करते हुए लीड करें। जनरल कंसल्टेंट के 72 कर्मचारियों को तनख्वाह दी जाना है। विडंबना यह है कि इंदौर की मेट्रो की कंसल्टेंसी साउथ अफ्रिका में बैठा कंसल्टेंट दे रहा है। इसके पहले तीन विदेशी कंसल्टेंट एमपीएमआरसी द्वारा बदले जा चुके हैं। नागपुर मेट्रो के एमडी ब्रजेश दीक्षित कहते हैं 20 साल पहले भारत के लिए मेट्रो बड़ी बात हुआ करती थी।
इसके लिए विदेशों से कंसल्टेंसी की जरूरत पड़ती थी। अब हमारे ही इंजीनियर्स इतने सक्षम हैं कि उनकी डिमांड विदेशों में है। अब नागपुर मेट्रो में एक भी विदेशी कंसल्टेंट नहीं है। हम देश का सबसे जटिल चार लेयर वाला मेट्रो रूट तैयार कर रहे हैं। इसमें 20 मंजिला बिल्डिंग के बीच से मेट्रो निकलेगी। यह पूरी डिजाइन हमारे भारतीय इंजीनियर और कंसल्टेंट तैयार कर रहे हैं।
सिर्फ जनरल कंसल्टेंट फायदे में, सरकार को घाटा
पाइप लाइन शिफ्टिंग का प्लान नगर निगम से मंजूर है, लेकिन जीसी वाले क्लीयरेंस नहीं दे रहे हैं। ऐसे में मेट्रो का पिलर कैसे बनेगा? यहां कंपनी और एमपीएमआरसी यानी सरकार को ही घाटा है। सिर्फ जनरल कंसल्टेंट वाले ही फायदे में हैं। -मनीष शर्मा, सीनियर मैनेजर, लाइजनिंग, दिलीप बिल्डकॉन
जितेंद्र दुबे, टेक्निकल डायरेक्टर, एमपीएमआरसीएस से सीधी बात
- मेट्रो के जनरल कंसल्टेंट के स्टाफ को 24-24 लाख रुपए वेतन दो साल से दे रहे हैं, काम तो कुछ हुआ नहीं?
- काम बहुत ही तेजी से जल्द शुरू होगा।
- जनरल कंसल्टेंट पर कोई पेनल्टी लगाएंगे या रिकवरी होगी?
- उनके स्टाफ को लॉकडाउन के समय से ही पैसा नहीं दिया है।
- प्रोजेक्ट फीस के 600 करोड़ रुपए दिए जाना हैं, लॉकडाउन के पहले करोड़ों का भुगतान किया?
- हमारा फोकस इंदौर में जल्द से जल्द मेट्रो चलाने का है और अब सारी बाधाएं हट गई हैं।
एस. बालाकृष्णा, डिप्टी डायरेक्टर, जनरल कंसल्टेंट से सीधी बात
- मेट्रो प्रोजेक्ट के नाम पर आपके प्रोजेक्ट डायरेक्टर 24-24 लाख की तनख्वाह ले रहे हैं, काम तो कुछ हुआ नहीं?
- इस बारे में मैं कुछ नहीं बोल सकता।
- आपकी कंपनी आखिर प्रोजेक्ट क्यों अटका रही है?
- इस बारे में एमपीएमआरसी से ही बात करें। मैं हाथ जोड़ता हूं।
आपस में भिड़े : एनओसी ली, फिर भी डिजाइन रोकी, फाइल दिखाते रहे कंसल्टेंट प्रतिनिधि
दिलीप बिल्डकॉन के सीनियर लाइजनिंग मनीष शर्मा ने जनरल कंसल्टेंट की शिकायत की कि इन्होंने साइट की डिजाइन रोक दी है। ड्रेनेज लाइन शिफ्ट करने के लिए निगम से एनओसी लेकर जीसी को 10 महीने पहले दे चुके, इसकी भी अनुमति नहीं मिली। इस पर दुबे ने जनरल कंसल्टेंट के डिप्टी डायरेक्टर एस बालाकृष्णा से पूछा तो वे फाइलें ही दिखाते रहे। आखिर में दुबे ने डांट लगाते हुए कहा, देरी और गलती होने पर मैं एक्शन लूंगा।
मतभेद दूर हुए : अब होगी डिजाइन फाइनल, टेलीकॉम कंपनियों की लाइन शिफ्टिंग होगी
दौरे के बाद बैठक में अधिकारियों ने जनरल कंसल्टेंट और दिलीप बिल्डकॉन के लोगों के मतभेद दूर करवाए और अटकी हुई डिजाइन भी फाइनल करवाई। वोडाफोन, जियो सहित अन्य टेलीकॉम कंपनी की लाइन की शिफ्टिंग की भी प्रोसेस करवाई गई। निगमायुक्त ने बताया जल्द ही एमपीएमआरसी से भी अधिकारी मेट्रो के ऑफिस में बैठेंगे।
मेट्रोपॉलिटन में 5 निकाय, महानगर की योजना नहीं
सरकार ने शुक्रवार को मेट्रोपॉलिटन एरिया के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया। पांच नगरीय निकायों के साथ जिले की 93 ग्राम पंचायतों को इसमें शामिल किया है। पूर्व में रही कांग्रेस सरकार ने मेट्रोपॉलिटन एरिया को देवास और उज्जैन तक प्रस्तावित किया था, तब शहर का आकार बढ़ाकर 2000 वर्गमीटर करने की योजना तैयार हुई थी। नए प्रस्ताव में उसे रद्द कर सिर्फ महू, धार, पीथमपुुर क्षेत्र जोड़ा गया है।
इसमें इंदौर को महानगर बनाने और उसके हिसाब से विकास योजनाएं तैयार करने का फिलहाल कोई जिक्र नहीं है। नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के संयुक्त संचालक एसके मुद्गल के मुताबिक इंदौर नगर निगम के अलावा, नगर पालिका परिषद पीथमपुर, नगर पंचायत राऊ, नगर पंचायत महू, नगर पंचायत बेटमा इसमें शामिल होगी। दरअसल, मेट्रो ट्रेन परियोजना के लिए मेट्रोपॉलिटन एरिया का गठन किया है। अब मेट्रो प्रोजेक्ट का काम नवगठित एरिया के हिसाब से होगा। धार जिले की 16 ग्राम पंचायत भी इसमें शामिल है।
नोटिफिकेशन जारी, 93 पंचायतें एरिया में शामिल
लसूड़िया परमार, सिंहासा, दूधिया, देवगुराड़िया, मगरखेड़ा, सनावदिया, माचला, मोरोद, पिगडंबर, कलारिया, असरावद, रालामंडल, लिंबोदागारी, भांग्या, नावदापंथ, सिंदोड़ा, बिसनावदा, रंगवासा, बढ़ियाकीमा, रिंजलाय, मिर्जापुर, उमरिया, उमरीखेड़ा, अलवासा, उमरिया खुर्द, जंबूड़ी हप्सी, नरलाय, बुढ़ानिया, नैनोद, मांगल्या सड़क, कैलोद हाला, बांक, टिही, कवटी, सांतेर, हरनियाखेड़ी, मेमदी, दतोदा, हरसौला, आंबाचंदन, भगोरा, बेरछा, अवलाय, केसरबर्डी, जामली, बड़गोंदा, कुवाली, बिचौली, मेठा, फफूंद, नांदेड़, पांचरिया, सीतापाट, यशवंत नगर, राजपुरा, राजपुरा कुटी, झलारिया, पीर पीपल्या, रणमल बिल्लौद, सलमपुरा, बीजेपुर, काली बिल्लौद, चीराखान, मांगलिया, गुर्जरखेड़ा, मेवगुराड़िया, कोदरिया, चेरड़िया, गांगल्याखेड़ी, कैलोद, गवली पलासिया, डोंगरगांव, आंकवी, मलेंडी, घोसीखेड़ा, जोशी गुराड़िया, शिवनगर, सिमरोल, माचल, धन्नड़, बगोदा, सांगवी, घाटा बिल्लौद, राम बड़ोदिया, मेठवाड़ा, धरावरा, गलोंडा, भाटखेड़ी, बंजारी, सोनवाय, भैंसलाय, पिगडंबर।