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- Government Will Get 450 Crores Less Due To Reduced Additional Stamp Duty; Bodies Will Not Be Affected
भोपाल21 मिनट पहले
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प्रॉपर्टी को खरीदने-बेचने पर अतिरिक्त स्टाम्प ड्यूटी (नगरीय निकाय उपकर) कम करने का असर निकायों पर नहीं पड़ेगा। इससे होने वाले नुकसान को सरकार को वहन करना होगा। अनुमान है कि उपकर कम करने से सरकार को करीब साढ़े चार सौ करोड़ रुपए कम मिलेंगे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिरिक्त स्टाम्प ड्यूटी तीन से घटाकर 1% करने की घोषणा की है। उपकर 2% कम होने से प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में सरकार को कम राशि मिलेगी। रजिस्ट्री पर नगरीय निकाय उपकर पहले एक प्रतिशत ही लगता था। वर्ष 2016 में इसे बढ़ाकर दो प्रतिशत और वर्ष 2018 में तीन फीसदी कर दिया गया।
अप्रैल 2016 में उपकर को दो प्रतिशत किया था। इससे मिलने राशि को मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास सहित केंद्र प्रवर्तित योजनाओं पर खर्च करना था। उसके लोन पर भी इसे व्यय किया जा सकता है। अप्रैल 2018 में इसे बढ़ाकर तीन प्रतिशत किया गया।
इससे मिलने वाले उपकर का उपयोग नगरीय क्षेत्र में अधोसंरचना विकास, किफायती आवास योजनाओं, मेट्रो रेल सहित परिवहन व्यवस्था और ऐसी अन्य परियाोजनाओं के लिए करना था। इन परियोजनाओं का ऋण चुकाने में भी इस राशि का उपयोग हो सकता है। ये उपकर बढ़ाने से अब तक नगरीय प्रशासन को करीब दो हजार करोड़ रुपए मिले हैं। अगले साढ़े तीन महीने तक उसे 1% स्टाम्प ड्यटी ही मिलगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार इससे निकायों को करीब 450 करोड़ का नुकसान होगा। नगरीय निकायों को एक प्रतिशत स्टाम्प ड्यटी से हर साल औसतन ढाई सौ से तीन सौ करोड़ रुपए मिलते हैं। तीन प्रतिशत के हिसाब से यह 750 से 900 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष आता है। दो फीसदी की कमी होने से एक साल के हिसाब से 500 से 600 करोड़ रुपए की कमी होती है। सरकार ने अतिरिक्त स्टाम्प ड्यटी में 31 दिसंबर 2020 तक ही छूट दी है।