बालाघाट में सोमनाथ शिवलिंग भारत यात्रा पहुंची। गुरुवार शाम काली पुतली चौक स्थित हनुमान मंदिर में सोमनाथ शिवलिंग के दो अंशों के दर्शन के साथ सामूहिक रुद्र पूजा की गई। बेंगलुरू से आए वेदाचार्यों ने यह पूजन संपन्न कराया। इस रुद्र पूजा में सौ से अधिक शिव
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बताया गया है कि मोहम्मद गजनवी के सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण के बाद ज्योतिर्लिंग खंडित हो गया था। इसके दो अंश साउथ इंडियन अग्निहोत्र परिवार के पास थे, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी उनका विधिविधान से पूजन कर रहे थे।
शिवलिंग के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु।
श्री श्री रविशंकर ने शुरू कराई यात्रा
लगभग 100 साल बाद अग्निहोत्र परिवार की पीढ़ी ने इन अंशों को आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर को सौंपा। इसके बाद श्री श्री रविशंकर ने करोड़ों हिंदुओं के दर्शन और पूजन के लिए सोमनाथ शिवलिंग भारत यात्रा शुरू की।
यह यात्रा 12 राज्यों और 140 शहरों से होकर गुजरेगी। गुरुवार को यह यात्रा बालाघाट पहुंची, जहां सनातन धर्मावलंबियों ने शिवमय भाव से इसका स्वागत किया। काली पुतली चौक स्थित सिद्धपीठ हनुमान मंदिर में शिवलिंग को आसन पर विराजित कर सामूहिक रुद्र पूजा की गई।

ब्रह्मचारी शिवतेष ने किया पूजन।
वैज्ञानिकों ने कराया पत्थर का अध्ययन
श्री श्री रविशंकर के शिष्य ब्रह्मचारी शिवतेष ने बताया कि सतयुग में भगवान चंद्रमा ने सोमनाथ में भगवान भोलेनाथ के ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी। यह देश का पहला सोमनाथ ज्योतिर्लिंग था, जो जमीन से लगभग तीन फीट की ऊंचाई पर स्थित था।
इस ज्योतिर्लिंग के पत्थर का अध्ययन भी किया गया है, जिससे पता चला है कि जिस धातु से यह बना है, वह इस भूलोक पर मौजूद नहीं है। गुरुदेव के शिष्य अलग-अलग क्षेत्रों में शिवलिंग को लेकर यात्रा कर रहे हैं। बालाघाट के बाद यह यात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए जबलपुर जाएगी।