प्रदेश के युवाओं को वकालत भा रही है। वर्ष 2025 खत्म होना बाकी है और मप्र स्टेट बार काउंसिल में अब तक 12 हजार से ज्यादा वकीलों के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। साल खत्म होने तक संख्या में बढ़ोतरी तय है। ये आंकड़ा वर्ष 2024 में 10,349 और 2023 में 8,042 था।
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मप्र के प्रमुख जिलों की बात करें तो जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर को पीछे छोड़ते हुए इंदौर से इस साल 1676 वकील स्टेट बार में रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। भोपाल दूसरे, ग्वालियर तीसरे और जबलपुर चौथे स्थान पर है। अगले साल ही मप्र स्टेट बार काउंसिल के चुनाव भी प्रस्तावित हैं। 25 पदों के लिए ये नए वकील भी मतदान करेंगे।
इसलिए इंदौर बना नंबर-1
- इंदौर प्रदेश की आर्थिक राजधानी है। इस कारण यहां प्रकरणों में वकीलों की फीस अन्य जिलों की तुलना ज्यादा है।
- अधिकांश बड़ी कॉर्पोरेट फर्म्स, कंपनियों के कार्यालय इंदौर में हैं। इनमें लॉ ऑफिसर के साथ एक टीम भी होती है। इसलिए कंपनियों में बड़ी संख्या में वकीलों को नियुक्त किया जाता है।
- कंपनी रजिस्ट्रार कार्यालय ग्वालियर में है, लेकिन इससे जुड़े मामलों की सुनवाई इंदौर में होती है।