मेट्रो डिपो के पास स्लाटर हाउस का संचालन शुरू होते ही इलाके में बदबू और नाले में लाल पानी की शिकायतों को लेकर आसपास की कालोनियों के रहवासी एक बार फिर आंदोलन की राह पर जाएंगे। अरेरा हिल्स स्थित ग्रीन मिडोज कॉलोनी के रहवासी पूर्व में भी इस इलाके में स
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ग्रीन मिडोज रेसीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह ने कहा कि जब प्रशासन ने यहां जीरो डिस्चार्ज स्लाटर हाउस की बात कही थी, उस समय हमने जो आशंकाएं जताईं थीं, वह सही साबित हो रहीं हैं।
अभी एसोसिएशन के पदाधिकारी शहर से बाहर हैं, उनके लौटने के बाद आसपास के लोगों को साथ लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार होगी। तब तक वे इसका तकनीकी अध्ययन करा रहे हैं। इसके आधार पर एनजीटी में भी केस दर्ज कराया जाएगा।
जीरो डिस्चार्ज स्लाटर हाउस में पूरा पानी कैंपस में उपयोग होना चाहिए। स्लॉटर हाउस के लिए बिजली कंपनी से 1200 केवीए का कनेक्शन लिया गया है। पर जानकार बताते हैं कि 435 केवीए का अधिकतम उपयोग हो रहा है। आशंका है कि जीरो डिस्चार्ज के लिए लगे इक्विपमेंट रात में बंद कर दिए जाते हों।
ईटीपी में तीन चरणों में होना चाहिए सफाई मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के रीजनल ऑफिसर बृजेश शर्मा ने बताया कि जीरो डिस्चार्ज स्लॉटर हाउस में तरल अपशिष्ट बाहर न जाए, इसके लिए ईटीपी में तीन चरणों में सफाई होती है। स्लॉटर हाउस से निकलने वाला खून और पानी एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट किया जाता है।
यहां पानी को बैक्टीरिया फ्री करने के बाद रिवर्स ऑस्मोसिस और मल्टी इफेक्ट इवैपोरेटर से गुजारा जाता है, जिससे पूरा पानी रिकवर हो जाता है। यह पानी फर्श सफाई, पशु शेड और कूलिंग सिस्टम में उपयोग होता है। एक-दो दिन में पीसीबी टीम जांच करेगी।