राजगढ़5 मिनट पहले
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- केंद्र सरकार के इस निर्णय के विराेध में मंडी अधिकारी-कर्मचारियाें की 6 दिन से चल रही है हड़ताल
केंद्र सरकार द्वारा कृषि उपज मंडियों में लागू किए माॅडल एक्ट के विरोध में राजगढ़ मंडी में भी जिले की अन्य मंडियों की तरह अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा 6 दिनों से हड़ताल की जा रही है। मंडी के 45 कर्मचारी प्रतिदिन सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे तक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। कर्मचारियों ने सरकार से उनके वेतन का निर्धारण कर वेतन, भत्ते के साथ पेंशन की सुविधा देने की मांग की जा रही है। माॅडल एक्ट के लागू हाेने के बाद से मंडी में उपज की आवक और टैक्स में काफी गिरावट आई है। मंडी की आय भी प्रभावित होकर कर्मचारियों के वेतन का संकट खड़ा हाे गया। मंडी में लागू माॅडल एक्ट का विरोध कर रहे अधिकारियों व कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें भी अन्य शासकीय कर्मचारियों की तरह वेतन-भत्ते एवं पेंशन की पात्रता दी जाए।
इस एक्ट में मंडी में उपज बेचने पर टैक्स की व्यवस्था की गई है जबकि किसान द्वारा मंडी के बाहर उपज बेचने पर कोई टैक्स नहीं है। ऐसे में मंडी में किसान उपज लेकर नहीं आएगा एवं मंडी की आय प्रभावित होगी। मंडी कर्मचारी हरिशंकर जोशी ने बताया गत माह मंडी की आय में एकदम से कमी आई है। अगस्त में मंडी को टैक्स के रूप में मात्र 4.48 लाख रु. प्राप्त हुए। मंडी के 45 कर्मचारियों की तनख्वाह ही वेतन, भत्ते सहित कुल 20 लाख रु. है। ऐसे में इस माह कर्मचारियों को तनख्वाह ही नहीं मिली। अब जबकि सितंबर भी खत्म हो चुका है, ऐसे में दो माह का वेतन नहीं मिलने से आर्थिक परेशानी अा रही। केंद्र सरकार को अन्य कर्मचारियों की तरह हमारे वेतन-भत्ते एवं पेंशन का प्रावधान करना चाहिए। चूकि मंडी में किसानों की उपज की आवक से ही मंडी चलती है। आय कम होने से कर्मचारियों को वेतन कैसे मिलेगा।
व्यापारियाें की भी हड़ताल से मंडी में सन्नाटा छाया
कर्मचारी लखन जोशी ने बताया पूर्व में कर्मचारियों द्वारा 3 दिन तक हड़ताल की थी। भोपाल में कृषि मंत्री के आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म की थी। सरकार ने 15 दिन बीत जाने के बाद भी मांगाें का निराकरण नहीं करने से कर्मचारी फिर से हड़ताल कर रहे हैं। मंडी में पिछले 6 दिनों से कामकाज बंद होने से सन्नाटा छाया हुआ है। व्यापारियों द्वारा भी टैक्स कम करने सहित अन्य मांगाें काे लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा रही है। वहीं तुलावटी एवं हम्माल भी हड़ताल पर है। ऐसे में मंडी का कारोबार चलाने वाले अधिकारी से लेकर हम्माल तक सभी हड़ताल पर हाेने से मंडी में किसानों की आवाजाही भी बंद हो गई। मंडी का मुख्य द्वारा भी बंद हाे गया है।