Rathkheda, Bhidausa and Rajaudha, placed in front of the candidates-claimants, are not surprised to hear, because they are identified from the village itself. | प्रत्याशी-दावेदारों के नाम के आगे लगे राठखेड़ा, भिड़ौसा और रजौधा सुनकर चौंकिए नहीं, क्योंकि गांव से ही इनकी पहचान

Rathkheda, Bhidausa and Rajaudha, placed in front of the candidates-claimants, are not surprised to hear, because they are identified from the village itself. | प्रत्याशी-दावेदारों के नाम के आगे लगे राठखेड़ा, भिड़ौसा और रजौधा सुनकर चौंकिए नहीं, क्योंकि गांव से ही इनकी पहचान


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मुरैना25 मिनट पहले

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  • ग्वालियर-चंबल में जाति के आधार पर चुनाव लेकिन कुछ नेताओं ने गांव के नाम से बनाई पहचान

ग्वालियर-चंबल अंचल की राजनीति में ज्यादातर सीटों पर चुनाव जातिगत आधार पर होता है। इसलिए नेता भी अपनी पहचान जाति को आगे रखकर बनाते हैं। लेकिन ग्वालियर-चंबल में ही कुछ नेताओं की पहचान जाति के बजाए उनके गांव के नाम से है। मुरैना और शिवपुरी जिले में भाजपा और कांग्रेस के विस उपचुनाव के आधा दर्जन से अधिक प्रत्याशी या दावेदार ऐसे हैं, जिनकी पहचान अपने नाम और जाति से नहीं बल्कि गांव से है।

दरअसल, इस रूप में मिली पहचान का यह फायदा भी भरपूर उठाते हैं। गांव के नाम से पहचाने जाने वाले एक मंत्री कहते हैं कि इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि लोग आपको किसी जाति विशेष से ऊपर उठकर देखते हैं।

ग्वालियर चंबल में जाति के आधार पर पूरा चुनाव फिर भी इन 5 नेताओं ने नाम के आगे लिखा गांव का नाम

सुरेश राठखेड़ा- कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए राज्य मंत्री सुरेश राठखेड़ा शिवपुरी की पोहरी विस सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं। राठखेड़ा इनके गांव का नाम है। ये धाकड़ समाज से आते हैं। इस सीट पर धाकड़ समाज सबसे बड़ी संख्या में है।

रवींद्र सिंह भिड़ौसा– मुरैना जिले की दिमनी विस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रवींद्र सिंह भिड़ौसा हैं। भिड़ौसा इनके गांव का नाम है। ये क्षत्रिय समाज से हैं और अपना सरनेम तोमर लिखते हैं। इस सीट पर सबसे बड़ा वोट बैंक तोमर ही है।

सूबेदार सिंह रजौधा- मुरैना जिले की विस सीट जौरा से भाजपा के मुख्य दावेदारों में से एक हैं। सूबेदार भी अपने नाम में गांव का नाम रजौधा लगाते हैं। वैसे ये क्षत्रिय समाज से सिकरवार हैं, लेकिन इस रूप में इनका वोटर इन्हें नहीं जानता।

प्रदीप जापथाप- विधायक बनवारी लाल जापथाप के निधन से जौरा सीट खाली हुई है। इनके बेटे प्रदीप जापथाप सिंधिया के साथ कांग्रेस से भाजपा में आए हैं। पिता की तरह वे भी अपने नाम में शर्मा के बजाए गांव का नाम जापथाप लगाते हैं।

वीरेंद्र सिंह रांसू- यह मुरैना विस सीट से कांग्रेस के टिकट के दावेदार हैं। इस सीट पर टिकट को लेकर रस्साकशी चल रही है। वीरेंद्र सिंह गुर्जर समाज से आते हैं लेकिन ये सरनेम के स्थान पर अपने गांव का नाम रांसू ही लिखते हैं।



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