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- Barricades Are Lying Everywhere, The Police Does Not Care, Some Have Become Junk … Not Being Organized After The Need Is Met
हटा20 घंटे पहले
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हटा। उपयोग के बाद इस तरह कबाड़ में पड़े बैरीकेड्स तो कहीं सुखाए जा रहे कपड़े।
वाहनों की स्पीड को कम करने, आगे रास्ता बंद है या चैकिंग प्वाइंट का संकेत देने के लिए रखे जाने वाले स्टॉपर इन दिनों नगर में कई जगह कबाड़ की तरह पड़े देखे जा रहे हैं। इनकी जरूरत समाप्त होने के बाद इन्हें अपनी जगह पर वापस न रखे जाने से लोगों ने फिर इनको अपनी सुविधानुसार साइड में कर दिया है।
मंहगे होते हैं ये स्टॉपर : पुलिस थानों की जरूरत के हिसाब से मिलने वाले यह स्टापर काफी मजबूत होने से मंहगे भी हुआ करते हैं। लेकिन सरकारी खजाने से खरीदकर इन्हें उपयोग करने के बाद जिस तरह पड़े रहने दिया जाता है उससे मिट्टी, कीचड़, बरसात में इनके कबाड़ में बदलने का सिलसिला जारी है। अधिकतर स्टापर काम के भी नहीं बच रहे हैं।
नगर के बाहरी मार्गों के अलावा भीतरी रास्तों में लगाए गए स्टापर कहीं बड़ी नालियों में पड़े हुए हैं तो कहीं इन पर छोटे मोटे सामान पार करके कबाडियों को बेच देने वालों की भी नजर है। जिससे कुछ स्टॉपर से इनमें लगने वाला मोटा टीन भी अलग कर दिया गया है जिसके बाद मजबूत एंगल की बारी आती है। जिन्हें भी आधुनिक कटर मशीनों की सहायता से काट कर बेचे जाने वाले दिन भी दूर नहीं हैं।
नगर में चिरौल तिराहा, रमाकवि वार्ड, चंडीजी वार्ड, बजरिया वोर्ड स्कूल के पास, रामगोपाल जी वार्ड सहित अन्य जगह यदाकदा यह पुलिस बैरिकेड डले हुए हैं। तो कहीं लोग कपड़े सुखाने के काम में उपयोग कर रहे हैं। इस सबंध में टीआई दीपक खत्री का कहना है कि मैं अभी आया हूं आपके द्वारा जानकारी दी गई है जहां भी बैरिकेड डले हुए हैं सुरक्षित रखवाएं जाएगें।