राज्य सरकार के इस फैसले के बाद पिछले 12 दिन से हड़ताल कर रहे व्यापारी मंडी लौट आए हैं.
कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) ने इस फैसले को अपने जन्मदिन का तोहफा बताते हुए कहा कि नये मंडी एक्ट से अब किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने की छूट है.
कृषि मंत्री ने क्या कहा ?
कृषि मंत्री कमल पटेल ने इस फैसले को अपने जन्मदिन का तोहफा बताते हुए कहा कि नये मंडी एक्ट से अब किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने की छूट है. अनाज के भंडारण के लिए लायसेंस की बाध्यता भी खत्म हो गई है. कमल पटेल ने बताया कि मंडी के बाहर कारोबार पर कोई मंडी टैक्स नहीं था. लेकिन मंडी में 1 रुपये 50 पैसे मंडी टैक्स देने के साथ ही 20 पैसे निराश्रित सहायता शुल्क देना पड़ता था, व्यापारी मंडी टैक्स घटाने की मांग को लेकर पिछले 12 दिन से हड़ताल पर थे, जिसे बातचीत के बाद समाधान कर दिया गया है.
व्यापारी संघ ने क्या कहासकल अनाज दलहन तिलहन व्यापार समिति के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल ने कहा कि सरकार के इस फैसले से व्यापारियों को राहत मिलने के साथ मंडियों को बचाने का रास्ता भी खुला है. किसानों का मंडियों पर भरोसा है. किसानों के कल्याण के लिए मंडियों का अस्तित्व बचा रहे हैं. इसके लिए वह मंडी शुल्क जारी रखना चाहते हैं, लेकिन खुले बाजार की प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए वह इसमें कमी चाहते थे. उनकी मांग आज कृषि मंत्री कमल पटेल से चर्चा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सहमति के बाद पूरी हो गई है. इससे मंडियों में व्यापार फिर शुरू हो गया है.