अब MP में मंडी टैक्स के लगेंगे सिर्फ 50 पैसे, निराश्रित सहायता शुल्क हुआ समाप्त, व्यापारियों की हड़ताल भी खत्म | bhopal – News in Hindi

अब MP में मंडी टैक्स के लगेंगे सिर्फ 50 पैसे, निराश्रित सहायता शुल्क हुआ समाप्त, व्यापारियों की हड़ताल भी खत्म | bhopal – News in Hindi


राज्य सरकार के इस फैसले के बाद पिछले 12 दिन से हड़ताल कर रहे व्यापारी मंडी लौट आए हैं.

कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) ने इस फैसले को अपने जन्मदिन का तोहफा बताते हुए कहा कि नये मंडी एक्ट से अब किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने की छूट है.

भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 12 दिनों से जारी मंडी व्यापारियों की हड़ताल आखिरकार खत्म हो गई. कृषि मंत्री कमल पटेल (Kamal Patel) के साथ मंडी व्यापारियों की बैठक और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हस्तक्षेप के बाद यह हड़ताल हड़ताल खत्म करने के लिए सरकार ने कुछ बड़े फैसले किए हैं. इसके तहत अब प्रदेश में मंडी टैक्स केवल 50 पैसे (Market Tax Only 50 Paise) वसूले जाएंगे, जबकि निराश्रित सहायता शुल्क पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सहमति के बाद अब प्रदेश की मंडियों में मंडी टैक्स 1 रुपये 50 पैसे के स्थान पर केवल 50 पैसे वसूले जाएंगे. इसके साथ ही निराश्रित सहायता के 20 पैसे वसूलना भी बंद कर दिया गया है. राज्य सरकार के इस फैसले के बाद पिछले 12 दिन से हड़ताल कर रहे व्यापारी मंडी लौट आए हैं.

कृषि मंत्री ने क्या कहा ?
कृषि मंत्री कमल पटेल ने इस फैसले को अपने जन्मदिन का तोहफा बताते हुए कहा कि नये मंडी एक्ट से अब किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने की छूट है. अनाज के भंडारण के लिए लायसेंस की बाध्यता भी खत्म हो गई है. कमल पटेल ने बताया कि मंडी के बाहर कारोबार पर कोई मंडी टैक्स नहीं था. लेकिन मंडी में 1 रुपये 50 पैसे मंडी टैक्स देने के साथ ही 20 पैसे निराश्रित सहायता शुल्क देना पड़ता था, व्यापारी मंडी टैक्स घटाने की मांग को लेकर पिछले 12 दिन से हड़ताल पर थे, जिसे बातचीत के बाद समाधान कर दिया गया है.

व्यापारी संघ ने क्या कहासकल अनाज दलहन तिलहन व्यापार समिति के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल ने कहा कि सरकार के इस फैसले से व्यापारियों को राहत मिलने के साथ मंडियों को बचाने का रास्ता भी खुला है. किसानों का मंडियों पर भरोसा है. किसानों के कल्याण के लिए मंडियों का अस्तित्व बचा रहे हैं. इसके लिए वह मंडी शुल्क जारी रखना चाहते हैं, लेकिन खुले बाजार की प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए वह इसमें कमी चाहते थे. उनकी मांग आज कृषि मंत्री कमल पटेल से चर्चा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सहमति के बाद पूरी हो गई है. इससे मंडियों में व्यापार फिर शुरू हो गया है.





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