Tiddi Dal | Bhopal (Madhya Pradesh) Locusts Attack Updates; Agriculture Department Forest Department Fire Brigade team Operation Agaisnt Tiddi Dal | फायर ब्रिगेड की टीम ने 4 घंटे तक लगातार कैमिकल का छिड़काव किया, लाखों की संख्या में टिड्डियां मारी गईं

Tiddi Dal | Bhopal (Madhya Pradesh) Locusts Attack Updates; Agriculture Department Forest Department Fire Brigade team Operation Agaisnt Tiddi Dal | फायर ब्रिगेड की टीम ने 4 घंटे तक लगातार कैमिकल का छिड़काव किया, लाखों की संख्या में टिड्डियां मारी गईं


  • कृषि विभाग ने वन विभाग और फायर बिग्रेड की टीम के साथ मिलकर सुबह से अभियान शुरू कर दिया था
  • कैमिकल के साथ ही तेज आवाजें की गईं, क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित होने के बाद टीम रवाना हुई

दैनिक भास्कर

Jun 15, 2020, 03:00 PM IST

भोपाल. भोपाल में सोमवार सुबह टिड्डियों को भगाने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम ने कैमिकल का छिड़काव किया। करीब चार घंटे तक जंगल में छिड़काव करने से लाखों की संख्या में टिड्डियां मारी गईं, जबकि कुछ वहां से उड़ गईं। उन्होंने रातभर में कई पेड़ों को नुकसान भी पहुंचाया। इससे पहले रविवार शाम को लाखों की संख्या में टिड्डियां होशंगाबाद रोड से लेकर बरखेड़ा पठानी, एम्स और अवधपुरी इलाके तक छा गईं थीं। कॉलोनियों में टिड्डियों के हमले से दहशत फैल गई थी। 

कैमिकल छिड़काव के बाद टीम के सदस्यों को मरी हुई टिड्डिटी दिखाते कर्मचारी।

रेंजर अशोक कुमार ने बताया कि टिड्डियां विदिशा से बैरसिया होते हुए भोपाल में घुस गईं। प्रशासन को शनिवार रात इनके बैरसिया में होने की सूचना मिली थी। कृषि विभाग ने टिड्डियों को रोकने के इंतजाम कर लिए थे, लेकिन रविवार शाम बड़ी संख्या में टिड्डियां भोपाल के अंदर घुस आईं। टिड्डियां दिनभर उड़ती हैं और रात को कैंप करती हैं। रविवार रात उन्होंने कहारा हिल्स के लहारपुर नर्सरी में डेरा डाल दिया। सुबह करीब 6 बजे से सभी विभागों की टीम ने टिड्डियों को भगाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए। जोर की आवाजों के साथ ही कैमिकल का छिड़काव शुरू किया गया। करीब चार घंटे तक यह कवायद चलती रही। इसके बाद लाखों की संख्या में टिड्डियां मर गईं, जबकि कुछ वहां से उड़ गईं। 

टिडि्डयां दिन में इलाकों में घूमने के बाद रात को कैंप करती हैं। रातभर सभी पत्तियां खाती हैं।

दूसरी बार में घुस गईं शहर में
राजधानी में टिड्डियों का यह दूसरा हमला था। इससे पहले प्रशासन की कोशिशों के चलते वह शहर के बाहर से ही दूसरी तरफ निकल गई थीं, लेकिन रविवार को वह शहर में आ गईं। इसके बाद होशंगाबाद रोड से लेकर अवधपुरी इलाके में छा गईं। 

कृषि विभाग ने पहले से ही टिड्डियों को भगाने के लिए तैयारी कर ली थी। फायर की टीम सुबह से ही मौके पर पहुंच गई थी।

इसलिए लहारपुर पहुंची
टिड्डियां पत्तियां खाती हैं। इसी कारण वह पेड़ों और फसलों पर हमला करती हैं। लहारपुर नर्सरी पहाड़ी और जंगल का इलाका होने के कारण वह टिड्डियों के निशाने पर आ गया। यहां पर वन विभाग द्वारा नक्षत्र और औषधि पौधे लगाए गए हैं। इसलिए भी टिड्डियां यहां आकर्षित होकर आ गईं।

प्रदेश में 90 के दशक में टिड्‌डी दल का ऐसा हमला हुआ था
कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर एसएस राजपूत ने बताया कि शनिवार को श्यामपुर तहसील के कुछ गांवों से टिड्‌डी दल निकला था, जो बाद में बैरसिया की तरफ निकल गया। जिले की सीमा से निकले टिड्‌डी दल ने कोई अधिक नुकसान नहीं पहुंचाया। लोधीपुर गांव तरफ से यह दल निकला है। राजपूत ने बताया कि 90 के दशक में इस तरह का टिड्‌डी दल आया था और उसने कई जगह नुकसान किया था। उसके बाद ऐसा हमला पहली बार हुआ है।



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