टाटा मोटर्स
टाटा मोटर्स (Tata Motors) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि अब उनकी कंपनी के छोटे कमर्शियल व्हीकल (Commercial Vehicle) की बिक्री कोरोना वायरस महामारी से पहले के स्तर पर पहुंचने लगी है.
महामारी तथा इसकी रोकथाम के लिए देश भर में लगाए गए लॉकडाउन का सबसे बुरा असर स्वरोजगार तथा कम-मध्यम आय वाले वर्ग के ऊपर हुआ. छोटे कमर्शियल व्हीकल की बिक्री से इस वर्ग के आर्थिक हालात भी मालूम पड़ते हैं.
अर्थव्यवस्था में अब मांग आ रही है
टाटा मोटर्स के छोटे व्यावसायिक वाहन वाहन बाजार को देखने वाला उपाध्यक्ष विनय पाठक ने कहा कि अर्थव्यवस्था में अब मांग आ रही है. उन्होंने कहा, ”हमारे छोटे व्यावसायिक वाहनों की मांग महामारी से पहले के स्तर के आस-पास पहुंच चुकी है. अगस्त-सितंबर तक बिक्री सामान्य होने लगी है. दक्षिण भारत और पश्चिमी भारत में मांग कुछ नीचे है लेकिन पूर्वी और उत्तरी भारत से अच्छी मांग आ रही है. कुल मिलाकर कहा जाए तो उपभोक्ताओं की ओर से मांग आ रही है.”कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत में मार्च के अंत में देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था. इस कारण कंपनियों के मार्च के प्रदर्शन पर भी महामारी का असर हुआ था. इससे पहले फरवरी में टाटा मोटर्स ने 3,356 छोटे कमर्शियल व्हीकल (एससीवी) की बिक्री की थी.
दीपावली तक मांग के सामान्य हो जाने के अनुमान
फेस्टिव सीजन के बारे में उम्मीदें पूछे जाने पर पाठक ने कहा कि उन्हें दीपावली तक मांग के पूरी तरह से सामान्य हो जाने के अनुमान हैं. उन्होंने कहा कि हमने अपने ग्राहकों के लिए त्योहारी पेशकश भी तैयार किये हैं. इनसे भी एससीवी बिक्री को मदद मिलेगी.
उनसे जब एससीवी श्रेणी में नए मॉडल उतारने की टाटा मोटर्स की योजना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, नए उत्सर्जन मानक (भारत स्टेज छह) से पहले तरह-तरह के मॉडल हुआ करते थे. उन्होंने कहा, ”जब हम भारत स्टेज चार से भारत स्टेज छह में जाने के समय अपने उत्पादों के बारे में योजना बना रहे थे, हमने तीन प्लेटफॉर्म (तीन ब्रांड) पर ही आगे बढ़ने का निर्णय लिया. ये तीन ब्रांड ‘एस, इंट्रा और योद्धा’ हैं. हम इनके ही अलग संस्करण उतार सकते हैं.”