चिड़ी खाे में चीतल का कुनबा बढ़कर 2528 हुआ: अफ्रीका की बोमा पद्धति से बिना छुए ट्रक में लाेड करके 500 चीतल भेजे जाएंगे गांधी सागर व सिवनी अभयारण्य

चिड़ी खाे में चीतल का कुनबा बढ़कर 2528 हुआ: अफ्रीका की बोमा पद्धति से बिना छुए ट्रक में लाेड करके 500 चीतल भेजे जाएंगे गांधी सागर व सिवनी अभयारण्य


राजगढ़2 घंटे पहले

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जिले के चिड़ी-खो अभयारण्य में चीतल की संख्या काफी बढ़ गई है। इसके चलते कुछ चीतल गांधी सागर और सिवनी वन्य प्राणी अभयारण्य भेजे जाएंगे। इसके लिए प्रदेश भर के 100 लोगों की एक्सपर्ट टीम जिले में पहुंची है। यह टीम पिछले 3 दिनों से अपने काम में लगी हुई है। टीम को अगले कुछ महीने में 600 चीतल को शिफ्ट करने का टारगेट दिया गया है। यह शिफ्टिंग प्रक्रिया अफ्रीका के बोमा पद्धति से होगी जिसमें चीतल को बिना छुए या पकड़े सीधे ट्रक में चढ़ाया जाएगा और वहां से इन्हें गांधी सागर और सिवनी अभयारण्य में छोड़ा जाएगा।
ऑपरेशन शिफ्टिंग बोमा पद्धति से होगा, जिसमें समय का निर्धारित नहीं है, क्योंकि चीतल जल्दी घेरे में आए तो इसे 15 दिन में पूरा किया जा सकता है नहीं ताे लंबा समय भी लग सकता है। जो चीतल घेरे में आएंगे उन्हें तुरंत सुरक्षित तरीके से शिफ्ट करना होगा, इसके लिए अन्य का इंतजार नहीं कर सकते। इस अभियान में करीब 15 लाख से अधिक का खर्च होगा। पहले ट्रायल के रूप में रविवार को 6 चीतल गांधी सागर छोड़े भी जा चुके हैं।
दो अलग-अलग जगह जाएंगे 600 चीतल
अभ्यारण्य से 600 चीतल शिफ्ट करने की प्रक्रिया दो चरणों में होगी। इनमें से पांच सौ चीतल गांधी सागर डेम छोड़ेंगे और 100 सिवनी में छोड़े जाएंगे। इसके लिए वन विभाग ने योजना तैयार की है।
चीतल को शिफ्ट करने के अभियान में कई वन विभाग, पशुपालन विभाग के एक्सपर्ट शामिल, कान्हा व पेंच से तीन ट्रक और कर्मचारी भी आए

टीम में यह लोग हैं शामिल, 40 की स्पीड से चलाते हैं वाहन
शिफ्टिंग अभियान में वन्य जीव विशेषज्ञ के साथ ही लोकल स्टाफ शामिल हैं। इसके साथ ही दो वेटनरी डाक्टर व चार अधिकारी भी टीम में है। वहीं कान्हा व पेंच रिजर्व से अनुभवी स्टाफ के साथ ही तीन ट्रक भी आए हैं, जिन्हें पायलट 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाते हैं, ताकि चीतल को नुकसान नहीं हो। वहीं इन ट्रक के साथ तीन पायलेट वाहन भी साथ जाएंगे।

चिड़ी खो में बढ़ी संख्या, गांधी सागर में बाघों के भोजन की पूरी होगी जरूरत
अभ्यारण्य में करीब 2528 चीतल हैं। इसके हिसाब से यहां संख्या ज्यादा है तो मैनेजमेंट के हिसाब से इनकी शिफ्टिंग करना अनिवार्य है। इसके लिए शासन ने 600 चीतल की अनुमति दी है, क्योंकि चीतल के हिसाब से इन दोनों जगह का पर्यावरण ठीक है। इसलिए इन्हे गांधी सागर व सिवनी शिफ्ट किया जाएगा।

ऑपरेशन शिफ्टिंग में लगी टीम के सौ सदस्यों को है बाघ शिफ्टिंग का पुराना अनुभव
चीतल की शिफ्टिंग के लिए वन विभाग के प्रदेश के 100 लोगों की टीम बनाई है। इस टीम में अनुभवी लोगों को शामिल किया है। जो पूर्व में बाघ व अन्य वन्य प्राणियों को शिफ्ट कर चुके हैं। इसी अनुभव के आधार पर इन्हें चीतल शिफ्टिंग का काम सौंपा है।
बिना पकड़े, बिना छुए ट्रक में करते हैं लोड
अभयारण्य प्रभारी जेएस राठौर ने बताया कि वन विभाग ने चीतल को बिना पकड़े और छुए शिफ्ट करने की योजना बनाई है। इसके तहत डेढ़ एकड़ जगह चिंहित की है। इसके लिए वन अमले की 14 टीमें बनाई हैं जो निर्धारित स्थान पर इन चीतल को घेरकर मूव कराते है। जहां से चीतल मूव करते हुए और लोगों से बचते हुए निर्धारित (फर्नालाइज सिस्टम) स्थान पर पर आ जाएंगे, जहां से सीधे व ट्रक में चढ़ जाते हैं। इसके बाद वे ट्रक से बाहर नहीं आ सकते।



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