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बड़वाह8 घंटे पहले
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शुक्रवार को जनजाति गौरव दिवस के अनुक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने नर्मदा उत्तर तट नावघाटखेड़ी पर एक हजार आटे के दीपकों से मां नर्मदा का शृंगार किया। पवित्र नदियों में दीपदान के लिए लोग प्लास्टिक के दीपो का उपयोग करते हैं। जिसके कारण जन प्रदूषण होता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नगर शाखा ने निर्णय लिया आयोजन में आटे के दिये प्रज्वलित किए जाएंगे।
स्वयंसेवक संघ कार्यालय पर सुबह 10 बजे से आटे के दिये बनाने में जुट गए शाम 7 बजे स्वयंसेवकों ने नर्मदा तट पर भगवान बिरसा मुंडा द्वारा जनजाति समाज व देशहित में किए गए कार्यों को याद करते हुए उनकी स्मृति में हजार आटे के दीयों का दीपदान किया। सनातन धर्म में दीपक का विशेष महत्व है। शुभ कार्य शुरु किए जाने से पूर्व दीप प्रज्वलित किए जाने को शुभ माना गया है।
पंचतत्वों में से एक अग्नि का प्रतीक माना जाता है। दीपक जलाने का मंत्र है। जिसका उच्चारण सभी शुभ अवसरों पर किया जाता है। मंत्र का अर्थ है सुंदर व कल्याणकारी, आरोग्य व संपदा को देने वाले हैं दीप हमारी बुद्धि के विकास के लिए हम तुम्हें नमस्कार करते हैं। स्वयंसेवकों ने कहा आज के युवा को अपनी संस्कृति से जोड़ने की आवश्यकता है। कार्यक्रम इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर किया गया था।