भोपाल में को-वैक्सीन ट्रायल: पीपुल्स अस्पताल में 2 हजार लोगों पर होगा टेस्ट; कॉलेज के वाइस चाइसलर राजेश कपूर से जाने कैसे होगा ट्रायल

भोपाल में को-वैक्सीन ट्रायल: पीपुल्स अस्पताल में 2 हजार लोगों पर होगा टेस्ट; कॉलेज के वाइस चाइसलर राजेश कपूर से जाने कैसे होगा ट्रायल


  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Bhopal
  • Coronavirus Vaccine Phase 3 Trial In Madhya Pradesh Bhopal; People Hospital Vice Chancellor Rajesh Kapoor

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

भोपाल13 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

पीपुल्स मेडीकल कॉलेज के वाइस चाइसलर राजेश कपूर ने को-वैक्सीन के ट्रायल के बारे में जानकारी दी।

  • पहले दिन 100 लोगों पर ट्रायल करने का लक्ष्य रखा
  • लगातार मॉनीटरिंग की जाएगी, 28 दिन बाद दूसरा डोज

मध्यप्रदेश में पहली बार को-वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल पीपुल्स अस्पताल भोपाल में शुरू हो गया। भोपाल के पटेल नगर निवासी शिक्षक को टीका लगाया गया। पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के वाइस चांसलर राजेश कपूर ने खास बातचीत में बताया कि पहले दिन 100 लोगों को-वैक्सीन देने का लक्ष्य है, लेकिन हमें उम्मीद है कि हम 50 के आसपास लोगों पर ट्रायल कर लेंगे। कुल 2 हजार लोगों पर ट्रायल किया जाएगा। इसमें 50% पर कंट्रोल और 50% को वैक्सीन दिया जाएगा। कपूर से जाने इस पूरी प्रक्रिया के बारे में….

कपूर ने कहा कि सर्वप्रथम तो में यही कहूंगा कि यह हमारा सौभाग्य है, कि हमें को-वैक्सीन जो कोरोना वायरस का एक वैक्सीन है का फेस ली ट्रायल करने का मौका मिला। इसे हम एक मिशन की तरह ले रहे हैं, क्योंकि यह जनता के लिए है। वैक्सीन सिर्फ किसी देश, किसी व्यक्ति या किसी प्रदेश के लिए नहीं होता। यह सभी के लिए होता है। यह वैक्सीन अच्छा हो गया, तो पूरी दुनिया का भला होगा। को-वैक्सीन कोरोना वैक्सीन है जोकि इंडियन काउंसलिंग ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक लैब नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजी द्वारा बनाया गया है। और वो जो टेक्नोलॉजी है आईसीएमआर ने भारत बायोटेक इंटर नेशनल को ट्रांसफर किया।

भारत बायोटेक इंटरनेशनल इसको तैयार कर रहा है। टेस्टिंग के दौरान कितना सेफ है और कितना कारगर है, इसको देखा गया। भारत सरकार उस पर नजर रखती है। भारत बायोटेक ने यह वैक्सीन बनाकर पहले फेस वन स्टडी की फिर फेस टू की। दोनों स्टडी भारत सरकार की ड्रग्स कंट्रोलर संस्था ने से क्लियर किया। इसके बाद फेस थ्री की शुरुआत की गई। यह बड़ा ट्रायल माना जाता है। अभी तक 10 मेडिकल कॉलेज के बाद पीपुल्स मेडिकल कॉलेज को दिया गया। हमें 2 हजार वॉलंटियर पर ट्रायल करने को कहा गया है।

फिफ्टी परसेंट कंट्रोल में होती है, जबकि 50% पर इंजेक्शन दिया जाएंगे। हमें नहीं मालूम किसमें कंट्रोल के वैक्सीन है और किस में वैक्सीन है। इसे कई स्तर पर ट्रायल किया जा रहा है। आज जिन वॉलंटियर को वैक्सीन दिया जाएगा, उन्हें 28 दिन के बाद दूसरा डोज देना होगा। उनका फॉलोअप हर दूसरे हफ्ते किया जाएगा। कहीं कोई रिएक्शन तो नहीं है। गाइड लाइन के अनुसार ही वॉलंटियर का चयन किया जा रहा है। वैक्सीन देने पहले उनका एग्जामिनेशन होता है। तय मापदंड पर होने पर ही उसे वैक्सीन दिया जाएगा। हमने 100 लोगों को आज वैक्सीन देने का टारगेट रखा है लेकिन उम्मीद है कि कम से कम 50% टारगेट हम अचीव कर लेंगे।



Source link