हार्दिक पंड्या ने कॉफी विद करण विवाद पर बात की है. (Hardik Pandya/Instagram)
हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) की इस टिप्पणी के बाद उन्हें Misogynistic और नारी विरोधी कहा गया. हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, ”मैं सच में यह नहीं जानता था कि Misogynistic का क्या अर्थ होता है.”
- News18Hindi
- Last Updated:
December 4, 2020, 6:53 PM IST
दरअसल, ‘काफी विद करण’ शो में हार्दिक पंड्या और केएल राहुल मेहमान बनकर आए थे. शो के दौरान पंड्या ने महिलाओं को लेकर कुछ अभद्र टिप्पणी की थी. उनके इस बयान की काफी आलोचना हुई थी. सोशल मीडिया पर भी यह मामला काफी बढ़ गया था. इस मामले के बढ़ने पर बीसीसीआई ने राहुल और हार्दिक पर कुछ वक्त का बैन भी लगा दिया था. हार्दिक इस पीरियड को अपने जीवन का सबसे काला समय मानते हैं.
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हार्दिक पांड्या की इस टिप्पणी के बाद उन्हें Misogynistic और नारी विरोधी कहा गया. हाल ही में उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ”मैं सच में यह नहीं जानता था कि Misogynistic का क्या अर्थ होता है. शुरू में मुझे लगा कि यह ऐसा शब्द है, जिसमें मेरे साथ मजाक किया जा रहा है. बाद में किसी दोस्त ने बताया कि इसका अर्थ होता है-जो महिलाओं को नापसंद करता हो और उनका विरोधी हो.”IND vs AUS: प्लेइंग XI में नहीं थे कन्कशन सब्स्टीट्यूट युजवेंद्र चहल और बन गए मैन ऑफ द मैच
उन्होंने आगे कहा, ”मैं महिलाओं को नापसंद कैसे कर सकता हूं? मां, दीदी, भाभी, नताशा ये सब महिलाएं हैं. मैं इन सबकी प्रशंसा करता हूं. मेरा घर महिलाओं से भरा हुआ है. हम उनके होने से ही हैं.” सूरत में पैदा हुए इस क्रिकेटर ने इस घटना के बाद खुद को घर में कैद कर लिया था. जब सब लोग मेरे खिलाफ थे, तब मुझे परिवार का ही समर्थन मिला था. हार्दिक पंड्या ने कहा, ”पहली बार मेरा खुद पर नियंत्रण नहीं रहा था. मेरे चारों ओर मुझे हर चीज टूटता नजर आ रही थी. ऐसे में मेरा परिवार ही मेरी बैकबॉन बना रहा.”