मध्य प्रदेश में सड़क हादसों के घायलों का प्राइवेट अस्पतालों में होगा कैशलेस इलाज

मध्य प्रदेश में सड़क हादसों के घायलों का प्राइवेट अस्पतालों में होगा कैशलेस इलाज


मध्य प्रदेश सरकार सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठा रही है.(सांकेतिक तस्वीर)

योजना के तहत अभी किसी भी प्राइवेट अस्पताल में सड़क हादसे (Road Accident) के घायलों का दो लाख तक का इलाज फ्री में हो रहा है. लेकिन राज्य सरकार ने अपने सुझाव में इस राशि को दो लाख से ज्यादा करने का सुझाव दिया है.

भोपाल. मध्यप्रदेश में जल्द ही सड़क हादसों (Road Accident) में गंभीर रूप से घायल लोगों का कैशलेस इलाज (Cashless Treatment) प्राइवेट अस्पतालों में हो सकेगा. इस योजना का संचालन केंद्र सरकार के द्वारा किया जाना है. केंद्र सरकार ने योजना को लेकर राज्य सरकार (MP Government) से सुझाव मांगे हैं. योजना के तहत अभी किसी भी प्राइवेट अस्पताल में सड़क हादसे के घायलों का दो लाख तक का इलाज फ्री में हो रहा है. लेकिन राज्य सरकार ने अपने सुझाव में इस राशि को दो लाख से ज्यादा करने का सुझाव दिया है. राज्य सरकार ने कहा है कि गंभीर रूप से घायल के इलाज में दो लाख से ज्यादा खर्च हो जाते हैं. ऐसे में राशि नहीं बढ़ाने पर इलाज प्रभावित होगा. इसलिए राशि को बढ़ाया जाना चाहिए.

पीटीआरआई के एडीजी डीसी सागर ने बताया कि सड़क हादसों को लेकर राज्य सरकार गंभीर है. पुलिस और सरकार की दूसरी एजेंसियों की मदद से सड़क हादसों को रोकने के लिए प्लानिंग की जा रही है. सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें भी लगातार होती हैं. पुलिस रिसर्च भी करती है कि आखिरकार हादसे कैसे हुए. केंद्र सरकार ने सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर कंट्रोल करने के लिए इस योजना को बनाया है. इस योजना को लेकर केंद्र सरकार ने राज्य शासन से सुझाव मांगे थे. हमने अपनी तरफ से सुझाव भेज दिए हैं.

एजीडी ने बताया कि अभी दो लाख तक का इलाज के लिए राशि दी जाने की बात की जा रही थी, लेकिन इस राशि को बढ़ाए जाने का सुझाव दिया गया है. योजना के तहत सरकार रोड एक्सीडेंट फंड तैयार करेगी और इसी फंड से  इलाज की राशि संबंधित अस्पताल को मिलेगी.

उन्होंने ने बताया कि यदि गाड़ी का इंश्योरेंस या फिर घायल का इंश्योरेंस है तो संबंधित कंपनी इलाज का पैसा देगी. इसको लेकर भी शासन के स्तर पर प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है, ताकि इलाज में देरी ना हो सके. तत्काल इलाज सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को मिल सके. मध्य प्रदेश में सड़क हादसे पर कंट्रोल करने के लिए पीटीआरआई की मॉनिटरिंग सेल लगातार काम कर रही है.





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