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ग्वालियरएक घंटा पहले
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प्रतिकात्मक फोटो
यूनेस्को ने अर्बन लैंडस्केप सिटी प्रोग्राम के तहत ग्वालियर और ओरछा को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की सूची में शामिल कर लिया है। अब यूनेस्को इन दोनों ही जगहों पर मौजूद ऐतिहासिक स्थलों को बेहतर बनाने के लिए पर्यटन विभाग के साथ मिलकर मास्टर प्लान तैयार करेगा।
इसके लिए 2021 में यूनेस्को की टीम यहां आकर हेरिटेज संपदा को देखकर मास्टर प्लान बनाएगी। दैनिक भास्कर ने 30 नवंबर को ग्वालियर और ओरछा को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी में शामिल होने को लेकर खबर प्रकाशित की थी। इस पर रविवार काे प्रदेश के जनसंपर्क विभाग ने विज्ञप्ति जारी कर मुहर लगा दी। इस परियोजना के तहत यूनेस्को ऐतिहासिक शहरों के लिए एचयूएल की सिफारिश पर आधारित शहरी विकास के बेहतर तरीके और साधनों का पता लगाएगा।
ऐतिहासिक शहर है ग्वालियर: नौवीं शताब्दी में स्थापित और मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक एवं प्रमुख शहरों में शामिल ग्वालियर विशिष्ट रूप से गुर्जर प्रतिहार राजवंश, तोमर, बघेल कछवाहों तथा सिंधिया की राजधानी रहा है। इन सभी के शासनकाल में बनवाए गए प्राचीन स्मारक, किले, महल आज भी पर्यटकों के लिए आकर्षण हैं।
यूनेस्को धरोहरों को सहेजने पर करता है काम: यूनेस्को दुनिया भर के उन स्थलों की पहचान करती है जिसे मानव द्वारा उत्कृष्ट मूल्यों का माना जाता है। इन स्थलों में मानव निर्मित इतिहास और प्राकृतिक दोनों तरह के स्थल या इमारतें शामिल होते हैं। यूनेस्को ऐसी ही सभी विश्व धरोहरों को प्रोत्साहन देने का कार्य करता है। इन धरोहरों को सूचीबद्ध कर अंतरराष्ट्रीय संधियों और कानूनों के जरिए संरक्षण दिया जाता है।
सूची में शामिल होने से ये होंगे काम
वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की सूची में आने के बाद ग्वालियर के मानसिंह पैलेस, गूजरी महल और सहस्त्रबाहु मंदिर के अलावा अन्य धरोहरों का कैमिकल ट्रीटमेंट किया जाएगा। इससे दीवारों पर उकेरी गई कला स्पष्ट दिखेगी और उसकी चमक भी बढ़ेगी।
धरोहर तक पहुंचने वाले मार्ग को सुगम बनाया जाएगा।
हर धरोहर पर गार्ड नियुक्त किए जाएंगे, जो सैलानियों के पहुंचते ही उनका भारतीय परंपरानुसार स्वागत करेंगे।
शहर में साफ सफाई बेहतर रहेगी।
सैलानियों की संख्या में वृद्धि होगी और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा।
यूनेस्को के मुताबिक, ग्वालियर और ओरछा ने धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ाया है। इससे शहरों की आर्थिक उन्नति में काफी योगदान मिला है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी
ग्वालियर और ओरछा को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल करना पर्यटन की दृष्टि से बहुत अच्छा है। मध्य प्रदेश सरकार का सराहनीय कदम है। इससे ग्वालियर और ओरछा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग से पहचान मिलेगी। विदेशी पर्यटक ग्वालियर और ओरछा की ओर ज्यादा आकर्षित होंगे।
केके मोहम्मद, सेवानिवृत्त रीजनल डायरेक्टर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण