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हाेशंगाबाद9 घंटे पहले
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सदर बाजार में पुराने एनसीसी ऑफिस के पास अमृत पेयजल सप्लाई की पाइपलाइन सुधारने के लिए दौरान भास्कर ने जब दोनाें पाइपलाइन के बीच का अंतर नापा तो 26 इंच का फर्क सामने आया। दोनों पाइपलाइन के बीच में 26 इंच का अंतर है। इसलिए अमृत की पाइपलाइन बार-बार फूट रही है।
अमृत पेयजल याेजना के काम में लापरवाही हर दिन उजागर हाे रही है। कंपनी काम पूरा करने की जल्दी में पाइपलाइन काे जमीन की सतह पर ही बिछा दी। अब पाइपलाइन बार-बार फूट रही है। पाइपलाइन बिछाने के दाैरान नपा के अधिकाारी निगरानी करते ताे समस्या नहीं आती।
अमृत की पाइपलाइन एक मीटर की गहराई में बिछाई जानी है, लेकिन इसे महज एक फीट की गहराई में बिछा दिया गया। मामले काे लेकर अब द ह्यूम पाइप कंपनी और नपा के इंजीनियर कुछ भी बाेलने काे तैयार नहीं है। पुराने समय में काम हाेने की बात कर रहे हैं।
बार-बार फूट रही पाइपलाइन की भास्कर टीम ने जब पड़ताल की तो सदर बाजार पुराने एनसीसी ऑफिस के पास पुरानी पाइपलाइन 3 फीट नीचे जमीन में बिछाई गई थी।
वहीं अमृत पेयजल की पाइपलाइन आधा फीट नीचे बिछाई गई है। जब टैप से नपा गया ताे दोनों पाइपलाइन के बीच में 26 इंच का अंतर है। इसलिए पाइपलाइन जगह-जगह से बार-बार फूट रही है। शहर के वार्ड 30 और तीन में अमृत योजना के तहत वाटर सप्लाई की पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा है। बाकी के शहर में पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा हाे गया है।
माॅल के सामने की पाइपलाइन की गहराई नापी
भास्कर टीम ने सांई दर्शन माॅल के सामने की पाइपलाइन की गहराई नापी। पुरानी पाइप लाइन से नई लाइन 26 इंच ऊपर बिछाई गई है। नई पाइपलाइन केवल एक फीट नीचे ही बिछाई है। नपा के सहायक यंत्री ने बताया निर्माण की क्वाॅलिटी को चेक करने की जिम्मेदारी तत्कालीन इंजीनियराें की थी। जो उस दाैरान काम देख रहा हाेगा।
नपा के तत्कालीन सब इंजीनियराें समेत तमाम अधिकारियों की देख रेख में वाटर सप्लाई की पाइन लाइन बिछाने का काम हुआ था पर उस दाैरान जेई ने मौके पर जाकर देखा ही नहीं और न ही अन्य किसी अधिकारी ने काम की निगरानी की। अब नपा के अधिकारी खुद मान रहे हैं कि नियमों के खिलाफ काम हुआ।
भास्कर सवाल : काम में गड़बड़ी, 60% तक भुगतान क्यों ?
आखिर जिन काॅलोनियों में वाॅटर सप्लाई व सीवरेज की लाइनें बिछा दी गई हैं, घटिया व गलत निर्माण के लिए लोगों को सजा भुगतनी पड़ेगी। नपा ने कंपनी काे 47 कराेड़ रुपए में से 60 फीसदी से ज्यादा भुगतान कर दिया है।
कंपनी का पूरा भुगतान नहीं किया है
मामले में जांच कर कंपनी काे नाेटिस जारी किया जाएगा। अभी कंपनी का पूरा भुगतान नहीं किया गया है।
महेंद्र ताेमर, उपयंत्री नपा प्रभारी अमृत याेजना