किसान आंदोलन: बंद कराने जुटे किसानों ने प्रधानमंत्री का पुतला जलाया तो पुलिस ने फायर ब्रिगेड से फेंका पानी

किसान आंदोलन: बंद कराने जुटे किसानों ने प्रधानमंत्री का पुतला जलाया तो पुलिस ने फायर ब्रिगेड से फेंका पानी


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डबरा21 मिनट पहले

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पुतला दहन कर रहे किसान और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर फायर ब्रिगेड से पानी की तेज बौछार की गई।

  • किसानों ने बाइक से बाजार में घूमकर बंद कराईं दुकानें, अग्रसेन चौराहे पर दिया धरना
  • शहर सहित अंचल में बंद रहे बाजार, बस-ऑटो चले

कृषि कानूनाें के विराेध में भारत बंद के आह्वान पर मंगलवार को शहर में किसान जुटे। बाइकाें से आए किसानाें ने बाजार में घूमकर दुकानें बंद कराईं। साथ ही अग्रसेन चौराहे पर धरना देकर नारेबाजी की। इस दौरान जब किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी का पुतला जलाने लगे ताे पुलिस ने उन्हें राेकने के लिए फायर ब्रिगेड से पानी फेंका, लेकिन किसानों ने पुतला जला ही दिया।

शहर सहित भितरवार और पिछोर में मंगलवार सुबह से ही शुगर मिल पर किसानों का जुटना शुरू हो गया था। यहां से सभी किसान बाइकों से झंडा लगाकर बाजार में निकले। सुबह के समय कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोल ली थीं। किसानाें ने इन खुली हुई दुकानों को बंद करा दिया। हालांकि सुबह जब किसान बाजार में पहुंचे, तब कम ही दुकानें खुली थीं। बाजार बंद कराने के बाद किसानों ने अग्रसेन चौराहा पर धरना दिया और कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान प्रशासन और पुलिस पूरी तरह मुस्तैद रही।

पुतला नहीं छुड़ा सकी पुलिस
अग्रसेन चौराहा पर किसानों ने प्रधानमंत्री का पुतला जलाना चाहा, लेकिन पहले से तैयार पुलिस ने फायर ब्रिगेड से पानी फेंकना शुरू कर दिया और पुतला छुड़ाने का प्रयास भी किया लेकिन पुलिस पुतला नहीं छुड़ा सकी और आखिरकार किसानों ने पुतले में आग लगाकर उसे जला दिया। एहतियात बतौर अतिरिक्त बल भी बुलाया गया था। धरना देने के बाद किसानों ने एसडीएम प्रदीप कुमार शर्मा को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा।

वकीलों ने किया बंद का समर्थन
किसानों के बंद का कांग्रेस ने भी समर्थन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी किसानों के साथ बाजार बंद कराया। कांग्रेसी धरने में भी शामिल रहे। वहीं भितरवार में अभिभाषक संघ ने कृषि विधेयक बिल का विरोध करते हुए किसानों के बंद का समर्थन किया। साथ ही कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए एसडीएम अश्विनी कुमार रावत को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सैकड़ों किसान यहां मौजूद रहे।

राजनीतिक संगठन भी शामिल
किसानों के भारत बंद का कांग्रेस ने भी समर्थन किया। जिसके चलते कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी किसानों के साथ बाजार बंद कराया। इसके अलावा वह धरने में भी शामिल रहे। वहीं भितरवार में अभिभाषक संघ ने कृषि विधेयक बिल का विरोध करते हुए किसानों के बंद का समर्थन किया। साथ ही कृषि विधेयक बिल वापिस लेने की मांग करते हुए एसडीएम अश्विनी कुमार रावत को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान यहां सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

कचरा फेंकने के लिए रखी ट्रॉली, नहीं होने दी गंदगी
विरोध के साथ ही किसानों ने पूरे दिन लंगर भी चलाया। धरने में शामिल सभी लोगों के लिए भोजन बनवाने और वितरण की व्यवस्था पहले से की गई थी। इस दौरान किसानों ने स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा। लंगर खाने के बाद कचरा न फैले, इसके लिए एक ट्रैक्टर ट्रॉली रखवाई थी। इसी ट्रॉली में पूरा कचरा फेंका जा रहा था। यहीं कारण रहा कि चौराहे पर कचरा दिखाई नहीं दिया। दूसरी ओर बाजार बंद रहने से लोगों को जरुरत के सामान जैसे दूध, सब्जी, किराने का सामान के लिए परेशान रहे।

कुछ दूधिया गांवों से दूध लेकर भी आए लेकिन डेयरी बंद होने के कारण उन्हें वापिस लौटना पड़ा। हालांकि बंद के दौरान शहर में मेडीकल और अस्पताल खुले रहे। इसके अलावा बस सहित अन्य यात्री वाहन चलते रहे, जिसकी वजह से लोगों को आने जाने में परेशानी नहीं हुई। इससे लोगों का अवागमन चलता रहा। वहीं अनहोनी न हो इसके लिए प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद रही, इसके लिए अतिरिक्त बल भी मंगाया।



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