- Hindi News
- Local
- Mp
- Jabalpur
- In Jabalpur, The Son Had Cut His Mother’s Throat, The Wife Had Come To Save Her, She Had Also Cut Her Throat In Anger, Then Had Her Own Hand
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
जबलपुर21 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
हत्या का खुलासा करते टीआई आसिफ इकबाल
- पाटन के जरोंद गांव में नौ दिसंबर को हुई हत्या का खुलासा, बेटा ही करता था मां की देखभाल
जिसे 9 महीने कोख में पाला। उसके लिए रात-रात भर की खुद की नींद न्यौछावर कर दी। हर फरमाइश पूरी करने के लिए खुद की इच्छाओं को मार दिया था। वो बेटा ही मां का कातिल निकला। पाटन पुलिस ने जरोंद गांव में नौ दिसंबर को रिश्तों के हुए कत्लेआम मामले का खुलासा किया तो हर कोई दंग था। लोगों को विश्वास भी नहीं हो रहा था कि मां की इतनी सेवा करने वाला बेटा ही कातिल निकलेगा। दरअसल जरोंद गांव निवासी मोंगा बाई विश्वकर्मा (75) के दो बेटों में छोटा राजेंद्र उर्फ गुड्डा ही उसकी सेवा करता था।

पाटन थाना
पाटन टीआई आसिफ इकबाल ने बताया कि मोंगाबाई बुजुर्ग हो चुकी थीं और कई महीनों से बीमार चल रही थीं। यहां तक कि बिस्तर पर ही नित्य-कर्म कर देती थी। बेटा राजेंद्र मोटर बाईडिंग की दुकान चलाता था। घर में पत्नी रेखा उर्फ अर्चना (32) और दो बेटे भी हैं। पर मोंगाबाई की देखभाल की जिम्मेदारी राजेंद्र पर ही थी। वहीं मां की साफ-सफाई करता था। कई बार बिस्तर पर शौच होने पर उसे दुकान से सफाई करने आना पड़ता था। पत्नी का कोई सहयोग नहीं मिलता था। इसे लेकर घर में आए दिन कलह होती थी।
वारदात से पहले हुआ था विवाद
मोंगाबाई भी बेटे की परेशानी समझती थी। यहीं कारण था कि वह बहू पर अक्सर चिल्लाती रहती थी। नौ दिसंबर को सुबह 9.30 बजे पहले सास-बहू में विवाद हुआ था। राजेंद्र तैयार होकर दुकान पर निकल रहा था। तभी मां ने कहा कि तुम तो जा रहे हो, बहू मुझे खाना तक नहीं देती। पानी के लिए चिल्लाती रहती हूं, नहीं सुनती। मां-पत्नी के बीच हुए विवाद और फिर इस उलाहना के बाद वह गुस्से में आ गया। उसने बाइडिंग करने वाले धारदार लोहे के टुकड़े से मां के गले पर वार कर दिया। मोंगाबाई की चीख सुनकर बर्तन धाे रही उसकी पत्नी रेखा पहुंची। उसने राजेंद्र से हथियार छुड़ाने की कोशिश की तो उसके भी गले पर वार कर दिया।
कमरे में दिखा था संघर्ष
टीआई इकबाल के मुताबिक वारदात की सूचना के बाद मौके पर टीम पहुंची तो दो स्थानों पर खून गिरे मिले थे। एक मोंगाबाई के शव के पास और दूसरा अंदर कमरे के फर्श पर खून का थक्का मिला था। बिस्तर पर संघर्ष के निशान दिखे थे। बिस्तर पर ही मंगलसूत्र, कान का बाला टूट कर गिरा हुआ मिला था। घटनास्थल देख साफ लग रहा था कि यहां संघर्ष हुआ होगा। मोंगाबाई की हालत ऐसी थी नहीं तो पति-पत्नी पर ही संदेह गया। पीएम रिपोर्ट से भी स्पष्ट हो गया था कि गले पर किया गया वार खुद के हाथों का नहीं है।
कोटवार को बेटे ने 108 एम्बुलेंस में बताया था
वारदात के समय दोनों बच्चे घर के बाहर खेल रहे थे। सबसे पहले रेखा घर से चीखते हुए निकली थी। वह पति को लगातार बेगुनाह बता रही थी। इसके बाद राजेंद्र निकला था। उसका भी गला कटा हुआ था। पड़ोसी दस्सी अंदर गया तो देखा की मोंगाबाई का भी गला कटा है और उसकी मौत हो चुकी थी। राजेंद्र और उसकी पत्नी रेखा को 108 एम्बुलेंस से मेडिकल भिजवाया गया था। तब रास्ते में राजेंद्र ने गांव कोटवार करन को इसके बारे में बताया था। मां व पत्नी का गला काटने के बाद उसने अपना गला काटा था। पुलिस ने राजेंद्र के खिलाफ मां की हत्या पर धारा 302, और पत्नी पर जानलेवा वार करने के प्रकरण में 307 भादवि का मामला दर्ज किया।
मेडिकल में चल रहा दंपती का इलाज
राजेंद्र और उसकी पत्नी रेखा का इलाज अभी भी मेडिकल में चल रहा है। पत्नी रेखा ने पति को बचाने के लिए झूठ बोला। उसने पूरा इल्जाम खुद पर लेने की भी कोशिश की। टीआई आसिफ इकबाल के मुताबिक चिकित्सकों ने पत्नी रेखा की हालत खतरे से बाहर बताई है, लेकिन राजेंद्र की हालत अभी नाजुक बनी हुई है। उपचार दौरान ठीक होने पर उसके बयान लिए जाएंगे। तब गिरफ्तारी होगी।