दिग्विजय सिंह 10 साल एमपी के मुख्यमंत्री रहे और भोपाल में उनका अच्छा-खासा जनसंपर्क है.
दिग्विजय सिंह (Digvijay singh) की जनता से लेकर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं तक उनकी मज़बूत पकड़ है. यही कारण है कि भोपाल (Bhopal) सीट को लेकर कांग्रेस का दिग्विजय सिंह पर भरोसा जताना बीजेपी के लिए चुनौती जरूर साबित हो सकता है.
कांग्रेस का यह दांव भोपाल नगर निगम सीट जीतने के लिए खासा अहम माना जा रहा है. दिग्विजय सिंह की भोपाल में अच्छी पकड़ मानी जाती है. वो इस बात का ऐलान भी कर चुके हैं कि राजगढ़ की वोटर लिस्ट में से अपना नाम कटवा कर उन्होंने भोपाल से जुड़वा लिया है. और भोपाल ही अब उनकी कर्म स्थली होगी. भोपाल के विकास के लिए दिग्विजय सिंह कई बार अपने सुझाव सरकार को दे चुके हैं. ऐसे में भोपाल नगरीय निकाय चुनाव में मुद्दों से लेकर उम्मीदवार तय करने तक के लिए बनाई गई कमेटी में दिग्विजय सिंह को प्रमुखता देकर कांग्रेस ने बीजेपी को एक बार फिर बड़ी चुनौती दे दी है.
लोकसभा चुनाव
हालांकि 2019 का लोकसभा चुनाव दिग्विजय सिंह बीजेपी की भगवा चेहरा प्रज्ञा सिंह ठाकुर से साढ़े तीन लाख वोटों के अंतर से हार गए थे. बावजूद इसके दिग्विजय सिंह की पकड़ भोपाल में कम नहीं आंकी जा सकती है. उनका जनता से सीधा संपर्क और संवाद है.शिवराज के हाथ में कमान
उधर नगरीय निकाय चुनाव में भी बीजेपी की ओर से भोपाल में सीधे तौर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कमान संभाल रखी है. पिछली बार शिवराज समर्थक आलोक शर्मा जीतकर महापौर बने थे और इस बार भी भोपाल नगरीय निकाय के लिए शिवराज सिंह चौहान की पसंद ही पार्टी का चेहरा होगा.
क्या कहते हैं दिग्विजय समर्थक नेता
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है दिग्विजय सिंह कांग्रेस पार्टी का बड़ा चेहरा हैं और भोपाल में उनकी पकड़ से नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी को फायदा होगा. भोपाल की पहली महिला पूर्व महापौर और कांग्रेस प्रवक्ता विभा पटेल का भी मानना है कि दिग्विजय सिंह को समिति में शामिल करने से नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी को फायदा होगा.
दिग्विजय सिंह की मज़बूत पकड़
बहरहाल भोपाल के नगरीय निकाय चुनाव के बहाने शिवराज और दिग्विजय अब आमने-सामने होंगे. दिग्विजय सिंह भले ही खुलकर चुनाव प्रचार नहीं कर रहे हों, लेकिन पर्दे के पीछे दिग्विजय सिंह की रणनीति ही काम करेगी और उसे कम नहीं आंका जाता जाता है. जनता से लेकर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं तक उनकी मज़बूत पकड़ है. यही कारण है कि भोपाल सीट को लेकर कांग्रेस का दिग्विजय सिंह पर भरोसा जताना बीजेपी के लिए चुनौती जरूर साबित हो सकता है.