फर्जी एनकाउंटर के मामले सामने आने के बाद 2012 में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पर रोक लगा दी गयी थी.
कमलनाथ (Kamalnath) के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार (Congress Government) ने नक्सल और आतंकवाद के खिलाफ अदम्य साहस दिखाने वाले जवानों को ही इसका लाभ देने का फैसला किया था. उसके बाद इस साल यह पहला आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पुलिस को दिया गया है.
कान्हा नेशनल पार्क के समनापुर में इसी साल 17 सितंबर को पुलिस की नक्सलियों से मुठभेड़ हुई थी. समनापुर के बाधाटीला में पुलिस बल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में विस्तार प्लाटून-02 के एरिया कमेटी सदस्य बादल को पकड़ने में पुलिस ने सफलता हासिल की थी. बादल की गिरफ्तारी पर मध्यप्रदेश सरकार ने 3 लाख और छत्तीसगढ़ ने 5 लाख का इनाम घोषित किया था.
ऐसे मिला प्रमोशन…
15 अधिकारी, कर्मचारियों का क्रम से पूर्व पदोन्नति (आउट ऑफ टर्न प्रमोशन) का प्रस्ताव पुलिस महानिरीक्षक बालाघाट ने डीजीपी को भेजा था. प्रस्ताव की आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने के लिए बनायी गयी समिति ने बारीकी से जांच की. जिन अफसरों और जवानों के प्रमोशन का प्रस्ताव भेजा गया था वाकई वो आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के काबिल पाए गए. सभी ने अपनी ड्यूटी के दौरान उल्लेखनीय सेवा दी थी. इसलिए समिति ने इनके समय से पहले प्रमोशन को मंज़ूरी दे दी.
2012 से बंद था प्रमोशन
वर्ष 2012 में तत्कालीन पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे के कार्यकाल के दौरान आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पर रोक लगा दी गई थी. यह रोक इसलिए लगाई थी क्योंकि फर्जी एनकाउंटर के मामले भी सामने आ रहे थे. उसके बाद कमलनाथ के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार ने नक्सल और आतंकवाद के खिलाफ अदम्य साहस दिखाने वाले जवानों को ही इसका लाभ देने का फैसला किया था. उसके बाद इस साल यह पहला आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पुलिस को दिया गया है.