Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
सागर19 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
मसाला किंग प्रताप अहूजा
- राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की कार्रवाई कर रविवार को प्रताप अहूजा को भेजा जेल
मिर्ची में मूंगफली के छिलकों का बुरादा व रंग मिलाना मिलावटखोर प्रताप अहूजा को भारी पड़ गया। जिला प्रशासन ने मसाला किंग पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत कार्रवाई कर रविवार को जेल भेज दिया है। किसी मिलावटखोर पर रासुका के तहत होने वाली जिले में यह पहली कार्रवाई है। कलेक्टर दीपक सिंह के निर्देश पर मसाला किंग प्रताप आहूजा की मसाला फैक्ट्रियों पर खाद्य विभाग, पुलिस, राजस्व विभाग की टीमों ने छापामार कार्रवाई कर सैंपलिंग की थी। सैंपलिंग में पाया गया कि मिर्ची में मूंगफली के छिलकों का बुरादा एवं रंग का प्रयोग किया जा रहा है।
एसडीएम पवन वरिया ने बताया कि मसाला किंग प्रताप आहूजा की नया बाजार स्थित दुकानों पर इसके पहले भी छापामार कार्रवाई कर हल्दी एवं मिर्ची के सैंपल लिए गए थे और कोल्ड स्टोर को तोड़ा गया था। लेकिन इसके बाद भी मिलावट खोर प्रताप आहूजा लगातार मसालों में मिलावट करता रहा। कुछ दिन पहले मकरोनिया स्थित फैक्ट्री पर भी छापामार कार्रवाई की गई थी। उन्होंने बताया कि प्रताप अहूजा पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की कार्रवाई की तैयारी कर रविवार को जेल भेजा गया है। रासुका की यह पहली कार्रवाई है।
फफूंद लगी धनिया और इमली मिली थी
2 जनवरी 2020 को इसी व्यापारी की नया बाजार स्थित मसाला फैक्ट्री पर छापा डाला था। उस समय फैक्ट्री से फफूंद लगी धनिया और इमली मिली थी। मिर्ची और हल्दी के सैंपल भी जांच के लिए भोपाल भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट में सैंपल अनसेफ पाए गए। मसाले में मिलावट की पुष्टि हुई। इसके बाद व्यापारी ने सैंपल जांच के लिए मैसूर स्थित लैब में भेजने की अपील की। वहां से भी रिपोर्ट अनसेफ ही आई है, लेकिन छापे के 10 माह बाद भी व्यापारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं गुई। नतीजा व्यापारी के हौसले इतने बुलंद हो गए कि उसने इस बार जगह बदलकर दोबारा मिलावट का कारोबार शुरू कर दिया, लेकिन अब रासुका की कार्रवाई हो गई है।
32 मिलावटखोरों पर लगी थी रासुका, सागर में एक भी कार्रवाई नहीं
मिलावटखोरों पर रासुका की कार्रवाई ग्वालियर से शुरू हुई थी। यहां मिलावटी घी बनाने वाले व्यापारी पर रासुका लगाई गई। इसके बाद इंदौर और भोपाल में भी मिलावटखोरों पर रासुका लगी। पिछले वर्ष कांग्रेस सरकार के शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में प्रदेश के 32 मिलावटखोरों पर रासुका लगी। लेकिन सागर में इस तरह की एक भी कार्रवाई नहीं की गई थी।
और भी जानिए रासुका के बारे में
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, 23 सितंबर 1980 को अस्तित्व में आया था। कानून के जानकार विनय सुहाने बताते हैं कि रासुका उन अपराधियों पर लगाया जाता है, जिनकी गतिविधियों से राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा पैदा हो या उनके किसी कृत्य से आम जनमानस में असुरक्षा की भावना पैदा हो और कोई गंभीर स्थिति उत्पन्न होने की आशंका हो।किसी व्यक्ति पर रासुका की कार्रवाई तय होने पर उसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। किसी व्यक्ति पर रासुका लगने की स्थिति में पुलिस उसे सीधे गिरफ्तार कर सकती है। संबंधित व्यक्ति को 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है।
एक्सपर्ट व्यू- ऐसी मिलावट से कैंसर, गैस्ट्रिक अल्सर की बीमारी संभव
एमडी मेडिसिन डॉ. प्रतीक पटैरिया ने बताया कि मसालों में मिलाया जाने वाला कलर कार्सिनोजेनिक होता है। इससे पेट व आंतों का कैंसर, आंखों की बीमारी और विटामिंस की कमी आदि बीमारियां हो सकती है। बच्चों में हार्मोनल इम्बैलेंस की स्थित बनेगी, जिससे उनका मानसिक विकास भी अवरुद्ध हो सकता है। इसके अलावा मसालों में धूल और बुरादे की मिलावट से गैस्ट्रिक अल्सर की बीमारी का शिकार हो सकते हैं।