उज्जैन के इतिहास पर खोज: महाकाल मंदिर परिसर में मिले प्राचीन दीवार जांचने पहुंचा केंद्रीय दल; पर्यटन मंत्री पटेल ने दिए थे निर्देश

उज्जैन के इतिहास पर खोज: महाकाल मंदिर परिसर में मिले प्राचीन दीवार जांचने पहुंचा केंद्रीय दल; पर्यटन मंत्री पटेल ने दिए थे निर्देश


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उज्जैन9 मिनट पहले

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बुधवार को पुरातत्व विभाग की केंद्रीय टीम पाषाण का अवलोकन करने पहुंची।

पुरातत्व विभाग की केंद्रीय टीम महाकाल मंदिर परिसर में मिले पाषाण का अवलोकन करने पहुंची। दल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मंडल भोपाल के अधीक्षण पुरात्तव विद डॉ पीयूष भट्ट व खजुराहो पुरातत्व संग्रहालय के प्रभारी के के वर्मा शामिल हैं। केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल के निर्देश पर यह टीम पहुंची है।

गौरतलब है कि महाकालेश्वर मंदिर परिसर में 1000 साल पुराने परमार कालीन पुरातन अवशेष मिले हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक ये परमार काल के किसी मंदिर का आधार (अधिष्ठान) है। यहां विस्तारीकरण के लिए चल रही खुदाई के दौरान जमीन से करीब 20 फीट नीचे पत्थरों की प्राचीन दीवार मिली। इन पत्थरों पर नक्काशी मिली है। इसके बाद खुदाई कार्य रोक दिया गया था।

मंदिर विस्तार के लिए सती माता मंदिर के पीछे सवारी मार्ग पर जेसीबी से खुदाई की जा रही थी। इसी दौरान आधार मिला है। इसके बाद काम रोक दिया गया था। विक्रम विश्वविद्धालय के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ. राम कुमार अहिरवार का कहना है कि अवशेष पर दर्ज नक्काशी परमार कालीन लग रही है। ये करीब 1000 वर्ष पुरानी हो सकती है।

वहीं, मंदिर के ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास के अनुसार मुगलकाल में मंदिर को नष्ट किया गया था। मराठा शासकों के काल में मंदिर का फिर से निर्माण कराया गया था। जब मंदिर को तोड़ा गया, तो मंदिर का प्राचीनतम हिस्सा दबा रहा होगा। पुरातत्व विभाग को मंदिर के आसपास खुदाई करानी चाहिए।



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