श्रीराम मंदिर निर्माण: मुस्लिमों से चंदा मांगने के सवाल पर VHP के कार्याध्यक्ष बोले- जो उन्हें अवतार, महापुरुष और इमाम-ए-हिंद मानते हैं, उन सभी का स्वागत

श्रीराम मंदिर निर्माण: मुस्लिमों से चंदा मांगने के सवाल पर VHP के कार्याध्यक्ष बोले- जो उन्हें अवतार, महापुरुष और इमाम-ए-हिंद मानते हैं, उन सभी का स्वागत


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भोपाल21 मिनट पहले

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भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार और अन्य।

  • देश के 13 करोड़ परिवार श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए करेंगे दान, इस तरह 65 करोड़ लोगों की सहभागिता होगी

अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए 15 जनवरी से 27 फरवरी 2021 तक देश और मध्य प्रदेश में जन-जन को जोड़कर निधि समर्पण के अंतर्गत राशि संग्रह की जाएगी इसके लिए विश्‍व हिन्‍दू परिषद (VHP) के अंतरराष्‍ट्रीय कार्याध्‍यक्ष आलोक कुमार आज भोपाल प्रवास पर पहुंचे। उन्होंने मुस्लिमों से चंदा मांगने के सवाल पर कहा कि जो उन्हें अवतार मानते हैं, महापुरुष कहते हैं और इमाम-ए-हिंद मानते हैं, उन सभी का स्वागत है। अगर मुसलमान भाई भी राम जी के काज में देना चाहेंगे तो उनका स्वागत है।

श्रीराम मंदिर आंदोलन को बदनाम नहीं होने देंगे
उज्जैन और इंदौर में हुई घटनाएं आगे न हों, इस सवाल पर बोले- हमारे आंदोलन को बदनाम न कर सकें। इसकी हम पूरी सतर्कता बरतेंगे और कानून और व्यवस्था मेंटेन करने वाली एजेंसीज को भी कहेंगे कि वो भी सतर्कता रखें। हम विश्वास करते हैं कि भारत की जनता परिपक्व है। जैसा सबने पहले से मन बनाया था, वैसा फैसला आने के बाद कोर्ट के निर्णय को स्वीकार किया है। हम शांति और सौहार्द्र बनाने के लिए संकल्पित हैं। अब हम संघर्ष की स्थिति में नहीं रचना वाले फेज में हैं, इसलिए किसी तरह की बात नहीं होनी चाहिए। अगर वहां पर मंदिर बन रहा है तो मस्जिद के लिए जमीन भी तो दी गई है।

रामजी के काज में मुसलमानों का भी स्वागत
डोनेशन के लिए समितियां मुस्लिम परिवारों के पास भी जाएंगी। इस सवाल पर विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि सबका स्वागत करेंगे। जो भी राम को अवतार मानते हैं, जो महापुरुष मानते हैं उनसे और जो उन्हें इमाम-ए-हिंद मानते हैं, उनसे भी। अगर मुसलमान भाई भी राम जी के काज में देना चाहेंगे तो उनका स्वागत है।

मंदिर के खर्च में सरकारों से कोई पैसा स्वीकार नहीं करेंगे
सोमनाथ मंदिर निर्माण के समय महात्मा गांधी ने ये राय दी थी कि सरकार मंदिर का ट्रस्ट बनाए, लेकिन मंदिर के निर्माण के लिए पैसा सरकाररी खजाने से नहीं जाए। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण में सरकारों से कोई पैसा स्वीकार नहीं करेंगे। पहले सोचा था कि 4 लाख गांवों में जाएंगे। पूरे देश में बातचीत करने के बाद में, जिसमें सभी प्रांत और जिलों की बैठक के बाद में अब मैं आपको ये कह सकता हूं कि भारत के 6 लाख गांवों में से सवा 5 लाख गांवों में निधि समर्पण का ये काम होगा।

हमने 11 करोड़ परिवारों तक जाने का सोचा था, लेकिन ये आंकड़ा भी रिवाइज हुआ है, अब 13 करोड़ परिवारों से धन एकत्र करेंगे। एक परिवार में 5 सदस्यों के औसत से यह जो मंदिर बनेगा उसमें 65 करोड़ जनता का आर्थिक सहभाग होगा। मध्य प्रदेश में भी समिति बनी है, इसमें स्वामी अखिलेश्वरानंद जी इसके प्रमुख हैं।

मंदिर निर्माण के लिए काम पारदर्शी होना चाहिए
तीन बैंकों से बात की गई है, एसबीआई, बीएनबी और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं। हमारा 10 रुपए का कूपन भी होगा। जो झोपड़ी में रहता है, वो 10 रुपए दे, उसका स्वागत है, सम्मान है। 100 रुपए का कूपन होगा, प्रत्येक परिवार कम से कम 100 रुपए दे। 1 हजार रुपए का कूपन होगा 2 हजार और उससे ऊपर के दान की रसीद होगी। हम आग्रह करेंगे कि बड़ी धनराशि चेक से ही दी जाए। इससे पांच लोगों की एक टोली होगी, ऐसी पांच टोलियों के ऊपर एक संग्राहक होगा। 48 घंटे के अंदर जो पैसा एकत्र किया गया है, उसे बैंक में जमा कराएगा। इसके बाद रात में 11.30 बजे इसकी रिपोर्ट मिल जाएगी, दिन में आज कितना संग्रह किया गया। मकर संक्रांति यानि 15 जनवरी से माघी पूर्णिमा तक यानि 27 फरवरी तक इस काम को करके सभी साधन जुटाएंगे।



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