मंडी: एफसीआई से नीलाम नहीं हुआ समर्थन मूल्य पर खरीदा गया गेहूं; मंडी में आवक कम, नतीजा- 4 से 5 रुपए बढ़ी आटे की कीमत

मंडी: एफसीआई से नीलाम नहीं हुआ समर्थन मूल्य पर खरीदा गया गेहूं; मंडी में आवक कम, नतीजा- 4 से 5 रुपए बढ़ी आटे की कीमत


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हाेशंगाबाद18 घंटे पहले

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फाइल फोटो

  • 500 रुपए क्विंटल तक बढ़े भाव

जिले की मंडी में गेहूं की कीमत 1700 रुपए क्विंटल हाेने के बाद गेहूं, सामान्य आटा और इससे बनने वाले उत्पादाें की कीमत उछाल आ गया है। आटा सहित अन्य खाद्य सामग्री की कीमतों में 4 से 5 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है।

पहले बाजार में आटा 20 रुपए किलाे बिक रहा था जाे अब 25 रुपए किलाे तक बिक रहा है। यानी आटे का भाव 2500 रुपए क्विंटल है। मंडी में गेहूं कम आ रहा है। इसका कारण एफसीआई से गेहूं की नीलामी नहीं होना माना जा रहा है। मंडी में गेहूं की आवक कम होने से आटा 5 रुपए तक महंगा बिक रहा है। स्थानीय व्यापारियों ने जो स्टाॅक किया है। वहीं व्यापारी स्थानीय बाजार में सप्लाई कर रहे हैं।

खरीदा पर एजेंसियाें ने नहीं बेचा गेहूं का स्टाॅक
गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद करने वाली एजेंसियां हर साल अपना स्टाॅक इन दिनों मंडियों में उतारती है। यानी जिस स्थान पर गेहूं खरीदा गया वह दूसरे राज्यों की जरूरत की सप्लाई के बाद दो साल के स्टाॅक को मंडियों में बेचती है। इससे एजेंसियों को समर्थन मूल्य से ज्यादा कीमत मिलती है। इस बार अभी तक एजेंसियों ने स्टाॅक नहीं बेचा है।

रबी सीजन 2019-20
गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपए प्रति क्विंटल बिका था।

पिछले साल
अप्रैल-मई अच्छे भाव मिलने से गेहूं बेच दिया और स्टाॅक नहीं किया। वहीं उपयाेग के हिसाब से ही गेहूं रखा।

अब : मंडियों में भाव
1450 से 1500 रुपए प्रति क्विंटल में किसान बेच रहे हैं।

अभी मंडी में यह स्थिति
एक माह से गेहूं के भाव 1700 रु. क्विंटल हैं, जाे समर्थन मूल्य से 300 रुपए प्रति क्विंटल कम हैं।

सर्मथन मूल्य पर ही गेहूं की कीमतें 2000 रुपए क्विंटल तक थी। इससे भी कीमत बढ़ी। हम मंडी से गेहूं खरीदते हैं। अभी मंडी में 1750 रुपए क्विंटल गेहूं बिक रहा है। -कैलाश बाधवानी, आटा मिल संचालक

10 किलो आटे का बैग हुआ 50 रु. महंगा
गेहूं की आवक के समय आटे का भाव 18 से 20 रुपए प्रति किलाे था। जब मंडी में 1700 रुपए प्रति िंक्वंटल गेहूं बिक रहा है। इससे अब आटा 25 रुपए प्रति किलाे हो गया है। 10 किलो आटे का बैग 190 से 200 रुपए में मिलता था। अब 240 से 250 रुपए में मिल रहा है।

कोराेना भी वजह

  • एफसीआई जैसी सरकारी एजेंसियों ने इस बार कोरोना के कारण स्टॉक का अनाज वितरण किया। इसीलिए ओपन मार्केट में गेहूं नहीं बेचा गया।
  • पिछले सीजन में गेहूं के भाव समर्थन मूल्य से अधिक होने के कारण स्थानीय किसानों ने भी स्टाॅक नहीं किया।

एफसीआई ने अभी व्यापारियों को गेहूं बेचने के टेंडर कॉल नहीं किए हैं। पहले 2300 रुपए क्विंटल में टेंडर किए थे, लेकिन कोई व्यापारी नहीं आया था। – दिलीप सक्सेना, डीएम नॉन



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