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भोपाल9 मिनट पहले
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प्रतिकात्मक फोटो
- भरण-पोषण दिलाने के लिए दिया आवेदन, हुआ समझौता
एक महिला ने जिला विधिक प्राधिकरण में अपने पति पर हिप्नोटाइज करके शादी करने का आरोप लगाया है। उसने प्राधिकरण में की शिकायत में बताया कि उसका पति वकील होने के साथ ही हिप्नोटाइज करने की कला में माहिर है। उसने मुझे हिप्नोटाइज करके शादी की थी, जबकि उसकी पहले से दो पत्नियां थीं। पति ने मुझे ऐसा हिप्नोटाइज किया कि मैं शादी करने से मना नहीं कर पाई। अब मुझे कैंसर हो गया तो उसने पल्ला झाड़ लिया है। उसे भरण-पोषण चाहिए।
प्राधिकरण के सचिव संदीप शर्मा ने बताया कि एक महिला ने भरण पोषण के लिए आवेदन दिया। काउंसलिंग के दौरान महिला ने पति के खिलाफ हिप्नोटाइज करके शादी करने का आरोप लगाया। उसने बताया कि अब जब वो कैंसर से पीड़ित हो गई तो पति ने उसे छोड़ दिया। उसे स्वयं के इलाज और बच्चे की पढ़ाई के लिए भरण-पोषण चाहिए। महिला का आरोप है कि पति वकील है और कानूनी दांव-पेंच की समझ रखता है। वह अभी भी अपनी दोनों पत्नियों के साथ रह रहा है।
कैंसर के बाद छोड़ दिया जॉब
महिला ने बताया कि वह जॉब करती थी। इसी दौरान दोनों की पहचान हुई। उसने इस कदर वशीकृत कर दिया कि हम तीनों पत्नियां एक छत के नीचे रहते थे, लेकिन धीरे-धीरे पति दूर होने लगे। खासकर मुझे कैंसर होने के बाद सारी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। पति के पास खासा पैसा होने के बाद भी मायके वालों की मदद से मेरा इलाज हुआ। मैं जॉब भी छोड़ चुकी हूं। मायके वाले भी कब तक साथ देंगे, इसलिए बेटे के भविष्य की खातिर आवेदन दिया।
आजीवन देना होंगे 17 हजार
महिला ने शिकायत में बताया कि उसे मिलाकर तीनों पत्नियों से 5 बच्चे हुए हैं, जिसमें उसका बेटा भी शामिल है। प्राधिकरण के सचिव संदीप शर्मा ने बताया कि काउंसलिंग में पति को भरण-पोषण की राशि देने के आदेश दिए हैं। पति हर माह 7 हजार रुपए पत्नी के बचत खाते में जमा करेगा। वहीं अपने बेटे को हर माह 10 हजार रुपए की राशि देगा। इस तरह वह हर माह कुल 17 हजार रुपए भरण-पोषण के रूप में पत्नी और बेटे को आजीवन देगा।