मध्य प्रदेश में नक्सल गतिविधियों की बढ़ती आहट से चिंतित सीएम शिवराज ने गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत की. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
भोपाल. महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से घुसपैठ कर मध्य प्रदेश के बालाघाट में डेरा डाले नक्सली (Naxalite) अमरकंटक में अपनी गतिविधियों को विस्तार देने की योजना बना रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने नक्सली गतिविधियों को लेकर अपनी आशंकाओं, चिंताओं और मिलीं सूचनाओं से देश के गृहमंत्री अमित शाह (HM Amit Shah) को भी अवगत कराया है. उन्होंने इस मामले में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाने का आग्रह श्री शाह से किया है.
सूत्र बताते हैं कि दो दिन पहले याने 18 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. इस मुलाकात में उन्होंने विभिन्न मसलों पर चर्चा के अलावा प्रमुख रूप से राज्य में (MP News) सक्रिय हो रहे नक्सलियों के बारे में मिल रही सूचनाओं से अवगत कराया था.
बालाघाट में हॉकफोर्स समेत कई बटालियन तैनात
बता दें कि मध्यप्रदेश में बालाघाट और मंडला नक्सल प्रभावित जिले हैं, जहां पर नक्सली गतिविधियों की सूचना मिलती रहती हैं. यहां मध्यप्रदेश पुलिस की हॉक फोर्स (HawkForce) की एक बटालियन के अलावा दो आईआर बटालियन और एक रिजर्व पुलिस बल की बटालियन तैनात की गई हैं. नक्सलियों की हरकतों पर नजर रखने और सूचना जुटाने के लिए एक विशेष शाखा भी बनाई गई है. इसके अलावा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के त्रिकोणीय क्षेत्र में एक संयुक्त कैम्प भी नक्सली गतिविधियों पर नजर रख रहा है. इतने बड़े पैमाने पर पहरेदारी के बावजूद राज्य के अमरकंटक जिले में नक्सली अपनी गतिविधियों के विस्तार की योजना की भनक ने सरकार को चौकन्ना कर दिया है. इस चुनौती का सामना कैसे किया जाए, इस पर मंथन के लिए शाह से शिवराज की मुलाकात को अहम् माना जा रहा है.
महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ से घुसे नक्सली
खुफिया विभाग के सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से 100 से भी ज्यादा नक्सलियों ने मप्र की सीमा में प्रवेश किया है. दोनों राज्यों की सीमा बालाघाट से मिलती है. डराने वाली खबर यह है कि ये नक्सली बालाघाट, मंडला से निकलकर राज्य के दीगर जिलों में अपनी धमक दर्ज कराने की साजिश रच रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या नक्सली राज्य में कोई बड़ी घटना अंजाम देने वाले हैं?
6 नक्सली समूह सक्रिय
खुफिया सूत्र बताते हैं कि बालाघाट और मंडला में करीब 6 नक्सली समूह सक्रिय हैं, इनमें से खटिया मोचा दलम पिछले साल मंडला आया था. बालाघाट और मंडला की सीमाएं एक-दूसरे से लगी हुई हैं, जिसका दायरा काफी लंबा है. जहां तक बालाघाट जिले का सवाल है तो बता दें कि यहां बीते नवंबर और दिसंबर 2020 में तीन मुठभेड़ों में तीन महिला माओवादी मारी गई थीं. इनमें से दो छत्तीसगढ़ और एक महाराष्ट्र की थी. छत्तीसगढ़ के बीजापुर की युवा नक्सली 25 वर्षीय शारदा को 6 नवंबर को बालाघाट पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था, उस पर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश पुलिस ने कुल 8 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. उसके अलावा बस्तर छ्त्तीसगढ़ के गंगलूर से आई 24 वर्षीय नक्सली सावित्री भी 11-12 दिसंबर 2020 की रात को बालाघाट पुलिस से मुठभेड़ में मारी गई थी, उस पर भी दोनों राज्यों की पुलिस ने 14-14 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था.
MP के कई जिले नक्सलियों के आरामगाह
राज्य में मारे या पकड़े जा रहे नक्सलियों और उनकी गतिविधियों से यही साबित होता है कि मध्य प्रदेश के बालाघाट, मंडला ही नहीं अनूपपुर, सिंगरौली जैसे जिले भी उनके लिए एक आरामगाह जैसे हैं. खुफिया महकमे के सूत्र बताते हैं कि पड़ोसी राज्यों मे वारदातों को अंजाम देने के बाद या पुलिस की निगाहों से बचने नक्सली इन जिलों में आराम करने आ जाते हैं. जंगलों में आदिवासियों के साथ भी रह लेते हैं और मामले शांत हो जाने के बाद अपने राज्यों में वापस लौट जाते हैं.