लेकिन जुलाई से सितंबर के बीच ऑटो सेक्टर में एक बार फिर से सुस्ती खत्म होने लगी और जुलाई- सितंबर 2019 के अपेक्षा बिक्री में 1 प्रतिशत की वृद्धि 2020 जुलाई-सितंबर में देखी गई. जिसके बाद ऑटो सेक्टर की कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की वेतन वृद्धि और बोनस की प्रक्रिया को एक बार फिर से शुरू करने की पहल की. हमारी सहयोगी वेबसाइट मनी कंट्रोल इंग्लिश की एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी के दौरान ऑटो सेक्टर में कुछ कंपनियों ने स्वेच्छा से वेतन कटौती का प्रावधान रखा था. जिसमें ऑटो कंपनियों ने किसी भी कर्मचारी को वेतन कटौती के लिए बाध्य नहीं किया था. ऐसे में आर्थिक मंदी और काेरोना महामारी के बावजूद ऑटो सेक्टर ने एक बार फिर से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद के साथ अपने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का प्रोसेस शुरू कर दिया है.
हुंडई मोटर इंडिया- हुंडई भारत की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है. कोरोना महामारी के दौरान हुंडई ने अपने कर्मचारियों की सैलरी में कोई कटौती नहीं की थी. ऐसे में हुंडई एक बार फिर से फरवरी में अपने प्रदर्शन का आकलन करने के बाद कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी करने पर विचार करने वाली है.
बजाज ऑटो- देश की प्रमुख टू-व्हीलर निर्माता कंपनी बजाज ऑटो ने कोरोना महामारी के दौरान अपने कर्मचारियों की सैलरी में कोई कटौती नहीं की. लेकिन इस दौरान कंपनी की पदोन्नति की प्रक्रिया जरूर प्रभावित हुई. वहीं बजाज ऑटो के कार्यकारी डायरेक्टर राकेश शर्मा ने कहा कि, कोविड़ के दौरान कर्मचारियों की पदोन्नति में देरी हुई है लेकिन बजाज ऑटो ने वेतन वृद्धि और बोनस की प्रक्रिया को चालू रखा. ऐसे में हम इस प्रक्रिया को 1 अप्रैल से लागू करने की पूरी कोशिश कर रहे है.
JK Tyre – जे के टायर के चेयरमैन रघुपति सिंघानिया ने बताया कि, कोरोना महामारी के दौरान कंपनी ने स्वैच्छिक वेतन कटौती की प्रक्रिया लागू की थी. जिसमें कर्मचारियों की 25 प्रतिशत तक वेतन काटा गया था. जिसे कंपनी ने अब वापस ले लिया है. उन्होंने बताया कि जल्द ही जे के टायर अपने कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी करने वाली है.
Ceat टायर- जे के टायर के प्रतिद्वंद्वी कंपनी Ceat के प्रबंध निदेशक अनंत गोयनका ने बताया कि, कोरोना महामारी में टायरों की आपूर्ति को पूरा करने के लिए कंपनी ने अतिरिक्त श्रमिकों को नियुक्त किया. जिसके लिए कंपनी ने कर्मचारियों को अच्छी सैलरी और बोनस दिए.