पीएचडी होल्डर महिला बेच रही है फल और सब्जियां, बोलती हैं शानदार इंग्लिश, Video viral | indore – News in Hindi

पीएचडी होल्डर महिला बेच रही है फल और सब्जियां, बोलती हैं शानदार इंग्लिश, Video viral | indore – News in Hindi


अंग्रेजी बोलते हुए महिला फल विक्रेता का वीडियो वायरल हो रहा है.

PhD Protests Indore’s Covid-19 Curbs in Fluent English: अपनी योग्यता के बारे में पूछे जाने पर, रायसा ने दावा किया कि उन्होंने भौतिकी में मास्टर ऑफ साइंस किया है और देवी अहिल्या विश्व विद्यालय से वर्ष 2011 में भौतिक विज्ञान में पीएचडी पूरी की है. यह पूछने पर कि उसने बेहतर नौकरी का विकल्प क्यों नहीं चुना, तो रायसा ने जवाब दिया कि प्राइवेट नौकरी सुरक्षित नहीं है.

इंदौर. कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण कई दुकानों, फैक्ट्रियों पर ताले लगे हुए हैं. ऐसे में बहुत सारे लोग फल, सब्जी बचने को मजबूर हैं. मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में भी ऐसा ही कुछ हुआ. इंदौर में एक महिला फल विक्रेता को शानदार अंग्रेजी बोलता देख हर कोई हैरान रह गया. यह महिला कोरोना वायरस के कारण बार-बार लग रहे लॉकडाउन से परेशान है और उन्होंने अपनी नाराजगी को सबके सामने जाहिर किया है. जब लोगों ने महिला से उसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वो देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर (Devi Ahilya University) की पूर्व स्कॉलर हैं.

सोशल मीडिया पर इस महिला का वीडियो वायरल हो रह है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर निषेधात्मक उपाय लागू करने के लिए प्रशासन के बारे में शिकायत कर रही है. इस वीडियो में महिला कह रही है कि वो और उनके दोस्तों वर्तमान में फ्रूट और सब्जियां बेच रहे हैं. सबके परिवार में 22 से 25 लोग हैं. पहले ही कोरोना के कारण बाजार में भीड़ न होने की वजह से सामान बिक नहीं रहा है. इसी बीच नगर निगम द्वारा ऑड ईवन लागू किए जाने से रहना-खाना भी मुश्किल हो गया है.

6 से 7 पीढ़ियां कर चुकी हैं इस मंडी में काम
महिला का कहना है कि वो कहां जाए इसके बारे में प्रशासन अधिकारी ही बता दें. आगे बोलते हुए वो कहती हैं कि उनके पिता, दादा और परदादा भी इसी मंडी में सब्जी बेचते थे. उनकी 6 से 7 पीढ़ियां इस सब्जी मंडी में फल और सब्जियां बेचने का काम कर चुकी हैं वो इस हालात में कहां जाए.

2011 में पूरी की पीएचडी
अपनी योग्यता के बारे में पूछे जाने पर, रायसा ने दावा किया कि उन्होंने भौतिकी में मास्टर ऑफ साइंस किया है और देवी अहिल्या विश्व विद्यालय से वर्ष 2011 में भौतिक विज्ञान में पीएचडी पूरी की है. यह पूछने पर कि उन्होंने बेहतर नौकरी का विकल्प क्यों नहीं चुना, तो रायसा ने जवाब दिया कि प्राइवेट नौकरी सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा, पहला सवाल यह है कि मुझे काम कौन देगा. मुसलमानों से कोरोना वायरस उत्पन्न होने वाली धारणा अब आम हो गई है. क्योंकि मेरा नाम रायसा अंसारी है, कोई कॉलेज या शोध संस्थान मुझे नौकरी देने के लिए तैयार नहीं है.

हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने रायसा के दावे को पूरी तरह से खारिज किया है. अधिकारियों का कहना है कि कोई भी सरकारी नौकरी योग्यता के आधार होती है. सरकारी नौकरी का धर्म और जाति से कुछ लेना देना नहीं है.





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