जोनाथन ट्रॉट ने कहा, ”यह हर खिलाड़ी के लिए अलग है. कुछ के लिए यह भारत का पहला दौरा है और कुछ यहां पहले कई बार आ चुके हैं.” उन्होंने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”अलग खिलाड़ी, अलग संदेश, लेकिन भारत में खेलने की मूल बातें एक समान ही हैं. शुरू में पहली पारी में ज्यादा रन बनाओ जैसे दुनिया में कहीं और करते हो लेकिन भारत में यह बहुत, बहुत महत्वपूर्ण है.”
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ट्रॉट ने कहा, ”और स्पिन को बखूबी खेलना, अपना तरीका निकालो और दबाव की स्थिति में अपनी योजना के साथ खेलना सबसे ज्यादा अहम चीज है.” ट्रॉट ने स्पिनरों की चुनौती को प्रभावी रूप से निपटने पर जोर देने के साथ ही भारत के धारदार तेज गेंदबाजी आक्रमण की भी याद दिलाई, जिसके बलबूते मेजबानों ने हाल में काफी शानदार प्रदर्शन किया.
उन्होंने कहा, ”हमने देखा कि उनके तेज गेंदबाजी आक्रमण ने ऑस्ट्रेलिया में सचमुच बेहतरीन काम किया. वे प्रतिभाशाली हैं, गेंद के साथ हरफनमौला हैं. इन दिनों हर किसी के पास काफी तेज रफ्तार है. इसलिए दोनों आक्रमण (स्पिन और तेज गेंदबाजी) के खिलाफ तैयारी करना महत्वपूर्ण है.”
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भारत-इंग्लैंड सीरीज बेहद अहम
बता दें भारत और इंग्लैंड के लिए चार टेस्ट मैचों की ये सीरीज बेहद अहम है. इस टेस्ट सीरीज का नतीजा ही तय करेगा कि कौन न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भिड़ेगा. दरअसल ऑस्ट्रेलिया का साउथ अफ्रीका दौरा स्थगित होने के बाद कीवी टीम 18 जून को होने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच गई है.
अब भारत को फाइनल में पहुंचने के लिए इंग्लैंड को कम से कम 2 टेस्ट हराकर सीरीज जीतनी है. मतलब अगर भारत 1-0 से टेस्ट सीरीज जीतती है तो वो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में नहीं पहुंचेगा. ड्रॉ और हार की स्थिति में भी भारत बाहर होगा. उसे कम से कम 2-1 से ये टेस्ट सीरीज जीतनी है. दूसरी ओर इंग्लैंड को फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को टेस्ट सीरीज में 3-0, 3-1, या 4-0 से जीतना होगा.