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नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले
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फोटो गाजीपुर बॉर्डर की है। यहां चक्काजाम से आम लोगों को परेशानी न हो इसके लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग की हुई है।
किसानों ने आज दोपहर 12 से 3 बजे तक देशभर में चक्काजाम का ऐलान किया है। किसानों ने कहा है कि प्रदर्शन शांति पूर्ण रहेगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड में सड़कें नहीं रोकेंगे, क्योंकि यहां कुछ लोग हिंसा फैलाने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास इसके सबूत हैं।

फोटो सिंघु बॉर्डर की है। यहां किसानों को रोकने के लिए कंटीले तार से बैरिकेडिंग की गई है।
दिल्ली पुलिस अलर्ट, CRPF ने जवानों को मैसेज दिया
किसानों के चक्काजाम के मद्देनजर दिल्ली-NCR में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बलों (CRPF) की 31 कंपनियों की तैनाती 2 हफ्ते के लिए और बढ़ा दी गई है। दिल्ली में तैनात CRPF की सभी यूनिट्स से कहा गया है कि वे अपनी बसों पर लोहे का जाल लगा लें।
दिल्ली पुलिस भी अलर्ट है। पुलिस 26 जनवरी को हुई हिंसा के मद्देनजर ज्यादा सावधानी बरत रही है। मेट्रो स्टेशन के अधिकारियों से भी दिल्ली पुलिस ने संपर्क किया है। स्थिति को देखते हुए कुछ मेट्रो स्टेशनों को आज बंद भी किया जा सकता है। पुलिस ने मेट्रो सर्विस को इसके लिए तैयार रहने को कहा है।

फोटो सिंघु बॉर्डर की है। यहां किसानों के चक्काजाम को देखते हुए भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया है।
टिकैत बोले- यूपी-उत्तराखंड के एक लाख किसान स्टैंडबाई पर रहेंगे
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी और उत्तराखंड के एक लाख किसान स्टैंड बाई पर रहेंगे। ये किसान आंदोलन को बैकअप देंगे। टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद थे। यहां शुक्रवार को किसानों ने गेंदे के पौधे लगाए। टिकैत ने कहा कि जिस बॉर्डर पर सरकार ने हमें रोकने के लिए कांटे लगाए हैं, हमने उस बॉर्डर पर फूल उगाने का फैसला किया है।
UP, राजस्थान में किसान पंचायतें हुईं, शामली में जुटे हजारों किसान
आंदोलन को मजबूती देने के लिए शुक्रवार से उत्तर प्रदेश और राजस्थान में किसान पंचायतों की सीरीज शुरू की गई, जो फरवरी के आखिर तक चलेगी। इनका आयोजन राष्ट्रीय लोक दल (RLD) की तरफ से किया जा रहा है। RLD ने पिछले हफ्ते किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया था।
RLD के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने गुरुवार को कहा कि किसान पंचायतों का मकसद सरकार को यह बताना है कि यह एक बड़ा आंदोलन है। इसमें राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी बनती है कि वे किसानों तक पहुंचें और दूसरे लोगों को भी इस मुद्दे की संवेदनशीलता बताएं। जयंत चौधरी ने शामली में हुई एक खाप पंचायत के दौरान यह बात कही। इस खाप में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत भी मौजूद थे। शामली में हजारों की संख्या में किसान खाप में शामिल हुए।
किसानों के मसले पर लोकसभा में हंगामा, दो बार स्थगित की गई
लोकसभा में विपक्षी दलों ने शुक्रवार को नए कृषि कानून वापस लेने के लिए नारेबाजी की। हंगामे के चलते दिनभर में दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। गुरुवार को भी 9 विपक्षी दलों के 12 सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखकर कृषि कानूनों पर सदन में अलग से चर्चा की मांग रखी थी।