अनीता शर्मा सुसाइड केस में चार लड़कियों को सजा हुई है. (सांकेतिक तस्वीर)
कोर्ट के फैसले के बाद चारों दोषी लड़कियों निधि, दीप्ति, कीर्ति और देवांशी को जेल भेज दिया है. सबूतों की कमी के चलते कॉलेज के टीचर मनीष को बरी कर दिया दिया.
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February 6, 2021, 4:50 PM IST
जानकारी के मुताबिक, भोपाल में ऐसा पहली हुआ है जब रैगिंग मामले में दोषी लड़कियों को सजा हुई हो. बता दें, आरकेडीएफ कॉलेज में बी-फार्मा सेकेंड ईयर की छात्रा अनीता शर्मा ने 6 अगस्त 2013 की रात अपने घर में फांसी लगा ली थी. कॉलेज में उसकी लगातार रैगिंग हो रही थी. इस प्रताड़ना की जानकारी अनीता ने कॉलेज के प्रोफेसर मनीष को भी बताई थी. लेकिन कार्रवाई करने की जगह उसने अनीता को चुप रहने की सलाह दी थी.
सुसाइड नोट में लिखा था- ये चारों लड़कियां गंदी हैं
अनीता की खुदकुशी के बाद कमला नगर पुलिस ने मामले की जाच की थी. पुलिस को उसके कमरे से सुसाइड नोट मिला था। इसमें लिखा था, ‘मैं अनीता शर्मा बी-फार्मा सेकेंड ईयर की छात्रा हूं. जब से मैं कॉलेज आई, तभी से मेरे साथ रैगिंग हो रही है। ये चारों लड़कियां (निधि, दीप्ति, कीर्ति और देवांशी) बहुत गंदी हैं. मैंने इन्हें एक साल तक कैसे झेला, ये मैं ही जानती हूं. मुझसे इन्होंने मिड सेम की कॉपी तक लिखवाई थी. शिकायत करने पर मनीष सर ने मुझे कहा कि कॉलेज में रहने के लिए सीनियर्स की बात माननी पड़ती है.माता-पिता से कहा – मुझे मिस मत करना
अनीता ने सुसाइड नोट में परिवार के लिए लिखा था, ‘मॉम एंड डैड आई लव यू. आप मुझे मिस मत करना. ब्रदर सबसे ज्यादा तू रोने वाला है, क्योंकि तेरी बेस्ट फ्रेंड जा रही है. मैं न गंदी बन सकती हूं, न स्ट्रॉन्ग. मुझे पिंक सूट पहना कर जलाना. पापा मैं जानती हूं कि मैं आपकी फेवरेट रही हूं. चाहती थी कि पढ़-लिखकर खूब पैसा कमाऊं और एक बड़ा घर बनवाऊं.
इतनी सजा हो कि नतीजा सोचकर लोग डरें- कोर्ट
कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा- बढ़ती हुई रैगिंग की घटनाओं को देखते हुए सजा इतनी होनी चाहिए कि दूसरे लोगों को ऐसा करने से पहले उसका नतीजा सोचकर डर लगे. आगे से भविष्य के सपने लेकर कॉलेज में एडमिशन लेने वाले किसी स्टूडेंट को सुसाइड करने के लिए मजबूर न होना पड़े.